गृह मंत्रालय ने अन्य राज्यों में फंसे लोगों को बड़ी राहत दी है। अब दूसरे राज्यों में राज्यों में फंसे मजदूर, स्टूडेंट और लोग अपने घर जा सकेंगे। गृह मंत्रालय ने इसके लिए बुधवार को आदेश जारी कर फंसे लोगों को छूट देने की बात कही है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। इस फैसले का बिहार डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने स्वागत किया है।
नई दिल्ली. गृह मंत्रालय ने अन्य राज्यों में फंसे लोगों को बड़ी राहत दी है। अब दूसरे राज्यों में राज्यों में फंसे मजदूर, स्टूडेंट और लोग अपने घर जा सकेंगे। गृह मंत्रालय ने इसके लिए बुधवार को आदेश जारी कर फंसे लोगों को छूट देने की बात कही है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। इस फैसले का बिहार डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने स्वागत किया है।
सुशील मोदी ने कहा, बिहार के 20 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। वे घर आना चाहते हैं। हम खुश हैं कि केंद्र सरकार ने हमारी मांग मानी और लोगों को घर जाने की अनुमति दी। लोगों के आने जाने पर स्क्रीनिंग की जाएगी।
केजरीवाल ने कहा- इस बारे में एक दो दिन फैसला लेंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रवासियों के संबंध में आज आदेश पारित किया गया। इस संबंध में हम अन्य राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं। सभी प्लानिंग करके आपको एक दो दिन में सूचित करेंगे। तब तक आप घर पर ही रहें और लॉकडाउन का पालन करें।
केंद्र ने इन शर्तों के साथ दी छूट
1- गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, राज्य और केंद्र शासित राज्य इसके लिए नोडल अफसर तैनात करने के लिए कहा है। साथ ही राज्यों से लेने और भेजने के लिए प्रोटोकॉल बनाने को कहा है। साथ ही नोडल अफसर राज्य में फंसे लोगों की लिस्ट भी तैयार करेगा।
2- अगर कोई ग्रुप एक राज्य से दूसरे राज्य जाना चाहता है तो दोनों राज्यों को आपस में बात में बात करके राजी होने के बाद रोड से यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है।
3- जाने वाले व्यक्ति की पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उसमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं होंगे तो उसे जाने की अनुमति दी जा सकती है।
4- लोगों के समूह को भेजने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें सैनिटाइज कराना होगा और लोगों को बैठाने वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा।
5- वहीं, जो राज्य इन लोगों की यात्रा के बीच में पड़ेंगे वे उन्हें जाने देंगे।।
6- गृह राज्य में पहुंचने के बाद लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना होना। अगर अस्पताल में क्वारंटाइन करने की जरूरत नहीं है, तो उन्हें होम क्वारंटाइन कराया जाए। इसके अलावा उन पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा नजर रखी जाए।
ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करनी होगी, ताकि उनकी निगरानी की जा सके।