केरल: गोल्ड स्मगलिंग केस में सीएम के सचिव एम. शिवशंकर समेत सीपीआई (एम) सचिव का बेटा भी गिरफ्तार

केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपी पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर हिरासत में ले लिया है। ईडी ने शिवशंकर के अलावा एक ड्रग्स केस में सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) के सचिव कोडरारी बालाकृष्णन के बेटे बिनेश कोडियारी को भी हिरासत में लिया है। ईडी ने बताया कि ड्रग फंडिंग में ठोस जवाब देने में विफल रहने पर बिनेश को गिरफ्तार किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 28, 2020 7:10 AM IST / Updated: Nov 02 2020, 12:18 PM IST

कोच्चि. केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपी पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर हिरासत में ले लिया है। ईडी ने शिवशंकर के अलावा एक ड्रग्स केस में सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) के सचिव कोडरारी बालाकृष्णन के बेटे बिनेश कोडियारी को भी हिरासत में लिया है। ईडी ने बताया कि ड्रग फंडिंग में ठोस जवाब देने में विफल रहने पर बिनेश को गिरफ्तार किया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ईडी ने शिवशंकर को तिरुवनंतपुरम के एक आयुर्वेद अस्पताल से हिरासत में लिया है जहां वे भर्ती थे। इससे पहले बुधवार को केरल हाई कोर्ट ने शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। 

कोर्ट के आदेश पर हुई गिरफ्तारी
एजेंसी के मुताबिक, के मुताबिक, सोना तस्करी के मामले में आरोपी निलंबित आईपीएस एम शिवशंकर ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। याचिका का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कस्टम विभाग को उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया था। बुधवार को अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि एम शिवशंकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी हैं।

5 जुलाई को मामला आया था सामने
दरअसल, गोल्ड स्मगलिंग का यह मामला 5 जुलाई को तब सामने आया जब कस्टम विभाग के अफसरों ने एक डिप्लोमेटिक बैगेज पकड़ा था। बैगेज यूएई से केरल भेजा गया था। विदेश मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद ही इसे खोला गया था। जांच में अफसरों को पता चला कि बैगेज में करीब 15 करोड़ रुपए कीमत का 30 किलोग्राम सोना है। 

3 घंटे हुई कोडियारी से पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार बिनेश कोडियारी को दूसरी बार बेंगलुरु में ईडी कार्यालय में बुलाया गया था, जहां उससे 3 घंटे की पूछताछ के बाद ड्रग रैकेट की कथित फंडिंग के बारे में ठोस जवाब देने में विफल रहने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया, जिसे बाद में एक अदालत में पेश किया जाएगा।

एनआईए ने मामले के तार अंडरवर्ल्ड से बताए थे
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 अक्टूबर को केरल गोल्ड सम्गलिंग मामले में बड़ा खुलासा किया था। एनआईए ने कोच्ची कोर्ट में सौंपे गए लिखित जवाब में कहा है कि इस मामले के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ रहे हैं। दरअसल, एजेंसी को शक है कि आरोपियों का संपर्क गैंग्स्टर दाऊद इब्राहिम से रहा है। एजेंसी ने आरोपियों रमीज केटी और सरफुद्दीन द्वारा दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह जवाब कोर्ट में दिया है। एजेंसी ने कोर्ट से जमानत मंजूर नहीं करने का अनुरोध भी किया है।

केरल सरकार की हुई थी आलोचना
इस मामले को लेकर केरल सरकार की आलोचना हो रही है। पहले मामले की जांच कस्टम डिपार्टमेंट ने शुरू की थी। खुद को वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताकर सोना लेने पहुंचे सरित कुमार को हिरासत में लिया गया था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएस अधिकार एम शिवशंकर का नाम सामने आया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें पद से हटा दिया था। बाद में विदेश मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी थी। इस बीच, 10 अक्टूबर को केरल हाईकोर्ट ने शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 23 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया था।

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