केरल की राजनीति में इन दिनों भूचाल सा आ गया है। इस भूचाल के पीछे की वजह है 'स्मगलिंग क्वीन' स्वप्ना सुरेश। केरल के तिरुअनंतपुरम में हाल ही में एयरपोर्ट पर 30 किलो सोना पकड़ा गया था। इस सोने की तस्करी के पीछे स्वप्ना सुरेश का हाथ बताया जा रहा है।
तिरुअनंतपुरम . केरल की राजनीति में इन दिनों भूचाल सा आ गया है। इस भूचाल के पीछे की वजह है 'स्मगलिंग क्वीन' स्वप्ना सुरेश। केरल के तिरुअनंतपुरम में हाल ही में एयरपोर्ट पर 30 किलो सोना पकड़ा गया था। इस सोने की तस्करी के पीछे स्वप्ना सुरेश का हाथ बताया जा रहा है। तस्करी में स्वप्ना का नाम आने के बाद केरल की सरकार इसलिए घिरी नजर आ रही, क्यों कि वह टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सलाहकार के पद पर रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम अफसरों को सूचना मिली थी कि यहां बड़ी मात्रा में सोना पहुंचने वाला है। 3 जुलाई को कार्गो फ्लाइट के जरिए सोना एयरपोर्ट पहुंचता है। कस्टम इसे जब्त कर लेता है। इस पैकेट पर जो पता था, वह यूएई के वाणिज्य दूतावास का था। ऐसे में विएना समझौते का पालन करते हुए इस पैकेट को सीनियर अफसर की अनुमति से दूतावास के प्रतिनिधि के सामने खोला गया। इसके बाद दूतावास के प्रतिनिधि सरीथ (पब्लिक रिलेशन एडवाइजर) को हिरासत में लिया गया। सरीथ ने पूछताछ के दौरान स्वप्ना सुरेश का नाम लिया। इस पैकेट में करीब 13 करोड़ रुपए का 30 किलो सोना जब्त किया गया।
कैसे घिरी विजयन सरकार?
स्वप्ना सुरेश टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सलाहकार के पद पर रही हैं। वे केरल सरकार के आईटी सचिव एम शिवशंकर की करीबी बताई जा रही हैं। इन दोनों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष लगातार केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन पर निशाना साध रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सभी आरोपियों को बचाने में लगी है। इन आरोपों के चलते विजयन ने सचिव एम शिवशंकर को भी पद से हटा दिया। बताया जाता है कि स्वप्ना अकसर एम शिवशंकर के आवास पर आती जाती दिखती हैं। उन्होंने ही सपना को नौकरी दिलाई थी।
आरोप है कि यूएई से बड़ी मात्रा में केरल के लिए सोने की स्मगलिंग होती है। सीनियर ऑफिसर स्वप्ना सुरेश बतौर एक्जीक्यूटिव जनरल वहां काम करती है, वह वहां से ही स्मगलिंग का रैकेट चलाती है।
विजयन ने की सीबीआई जांच कराने की मांग
विपक्ष लगातार इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। उधर, पी विजयन ने कहा, इस मामले में उनकी सरकार का कोई लेना देना नहीं है। वे सीबीआई जांच के लिए भी तैयार हैं। इस मामले में पी विजयन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी एजेंसी से जांच कराने की मांग की। अब इस मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) कर रही है।
शनिवार को हुई गिरफ्तार
एनआईए ने बेंगलुरु से शनिवार को स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर और एक अन्य साथी को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि जय शंकर स्वप्ना और उनके दो बच्चों के साथ 2 दिन पहले ही बेंगलुरु पहुंचे थे। यहां एनआईए ने होटल से सभी को हिरासत में लिया है। इस दौरान जयशंकर वहां मौजूद नहीं थे।
बचाने में जुटी केरल सरकार
एनआईए ने स्वप्ना और उनके साथियों के पास से 2 मोबाइल, 2.5 लाख का कैश और उनके पासपोर्ट जब्त किए हैं। इसके बाद एएसपी शौकत अली और सीआईओ राधाकृष्णा उन्हें केरल लेने के लिए आते हैं। इस दौरान आरोपियों को बेंगलुरु में मजिस्ट्रेट के सामने भी पेश नहीं किया गया।
केरल सरकार पर उठ रहे ये सवाल
स्वप्ना की पहुंच सीएम कार्यालय तक बताई जाती है। उन्हें कई बार सीएम के साथ भी देखा गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना किसी जांच के स्वप्ना को इतना बड़ा पद कैसे दिया गया। इसमें मुख्यमंत्री की भूमिका क्या है। इस तरह से तमाम सवाल विपक्षी पार्टियां अब केरल के मुख्यमंत्री से पूछ रही हैं।