KERALA MODEL: संक्रमण रोकने में गजब लापरवाही, कंटेनमेंट जोन तक ठीक से नहीं बना सका; टेस्टिंग में भी लोचा

केरल में संक्रमण की रफ्तार रोकने कोई पुख्ता इंतजाम या तैयारियां नहीं की गईं। हालात का मुआयना करने पहुंची केंद्र की टीम को राज्य में काफी खामियां दिखीं।

नई दिल्ली. केरल में कोरोना के बढ़े मामले देश के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। यहां बीते दिन(3 अगस्त) देश के कुल 56 प्रतिशत केस मिले। संक्रमण के हालात का मुआयना करने यहां एक केंद्र से टीम भेजी गई है। इस टीम को यहां भारी खामियां देखने को मिलीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मनसुख मंडाविया ने बताया कि NCDC के नेतृत्व केरल गई टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने tweet करके बताया कि उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री विजयन पिनराई से फोन पर बात करके राज्य में बढ़ रहे कोरोना मामलों पर चर्चा की। स्वास्थ्य मंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर भी मामले को लेकर अधिक सक्रियता और सावधानी बरतने को कहा है। इस दिशा में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी।

कंटेनमेंट या माइक्रो-कंटेनमेंट जोन ठीक से नहीं बनाए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने केरल में बढ़ते केस को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control-NCDC) के निदेशक की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय टीम केरल भेजी गई थी। चूंकि केरल में अभी भी बड़ी संख्या में COVID मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए टीम ने COVID प्रबंधन में राज्य के चल रहे प्रयासों में सहायता की। इस टीम को केरल में काफी खामियां दिखीं। यहां कंटेनमेंट और माइक्रो-कंटेनमेंट जोन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं बनाए गए हैं। ज्यादातर मामलों में आसपास कोई बफर जोन नहीं मिले। कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर कोई सख्ती नहीं दिखाई दी। केरल के ज्यादातर जिलो में संक्रमण का पता लगाने कोई सक्रिय निगरानी (active surveillance) देखने को नहीं मिली।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बेहद कम
केरल में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बहुत कम है। उदाहरण के तौर पर मल्लापुरम में कॉन्टैक्ट रेशो 1:1.5 है। यानी यहां हर परिवार में औसतन 5 लोग हैं। इससे संक्रमण का पहला सोर्स पता नहीं चल पाता। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मकसद लोगों को अलर्ट करना होता है, ताकि वे किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न पहुंचें। किसी के पॉजिटिव टेस्ट के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसर उससे पता करता है कि वो किस-किसके संपर्क में रहा, ताकि ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें आइसोलेशन या हॉस्पिटल पहुंचाया जा सका।

आरटी-पीसीआर जांच पर्याप्त नहीं
केरल में कोरोना की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट(RT-PCR tests) की कमी देखी गई। कई जिलों में RT-PCR टेस्टा का रेशो 20:80 देखा गया।  यहां आइसोलेशन को लेकर भी लोग गंभीर नहीं दिखे। इसी वजह से संयुक्त परिवारों में अधिक लोग पॉजिटिव मिले।

जानें देश में कोरोना की स्थिति
देश में बीते दिन 42 हजार नए केस मिले। इसमें से अकेले केरल में 23600 से अधिक निकले। देश में इस समय 4.04 लाख एक्टिव केस हैं। इनमें से 1.73 लाख अकेले केरल में हैं। देश में बीत दिन 36 हजार से अधिक लोग रिकवर हुए। लेकिन केरल में सिर्फ 15600 के करीब। देश में बीते दिन 561 लोगों की मौत हुई। इसमें से अकेले केरल में 148 लोगों ने जान गंवाई।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 18,47,518 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 47,31,42,307 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं।

वहीं, बुधवार सुबह सात बजे तक मिली अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार कुल 56,83,682 सत्रों के जरिये टीके की कुल 48,52,86,570 खुराकें लगाई गईं। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 62,53,741 खुराकें दी गईं।

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(यह कार्टून Satish Acharya ने अपने twitter पेज पर शेयर किया है। उनके कार्टून patron.com पर देखें जा सकते हैं)
 

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