बलिया गोलीकांड: 8 नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर केस, 7 को गिरफ्तार किया गया, मुख्य आरोपी अभी भी फरार

बलिया जिले में एसडीएम और सर्कल ऑफिसर के सामने हत्या के मामले में यूपी पुलिस फंसती नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें दिख रहा है कि फायरिंग के बाद मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को तीन पुलिसवालों ने दबोच रखा है। लेकिन कुछ देर बाद पुलिस का बयान आता है कि धीरेंद्र फरार हो गया। मृतक के भाई ने भी पुलिस पर आरोपी को फरार कराने का आरोप लगाया है। फिलहाल इस मामले में एसडीएम और सर्कल ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2020 2:59 AM IST / Updated: Oct 17 2020, 12:46 AM IST

नई दिल्ली/लखनऊ. सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें दिख रहा है कि फायरिंग के बाद मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को तीन पुलिसवालों ने दबोच रखा है। लेकिन कुछ देर बाद पुलिस का बयान आता है कि धीरेंद्र फरार हो गया। मृतक के भाई ने भी पुलिस पर आरोपी को फरार कराने का आरोप लगाया है। फिलहाल इस मामले में एसडीएम और सर्कल ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। 

बलिया जिले में हुए गोलीकांड से जुड़े ताजे अपडेट्स यहां देखें..

बलिया के डीएम हरिप्रताप शाही ने कहा, इस मामले में आठ लोग नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है, जिसमें से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक-एक आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए तीन-तीन टीमें लगाई गई हैं।

सोशल मीडिया पर यह फोटो वायरल हो रही है। फोटो में साफ-साफ दिख रहा है कि फायरिंग के बाद 3 पुलिसवालों ने आरोपी को पकड़ रखा है।

 

गोलीकांड के मुख्य आरोपी और भाजपा विधायक की फोटो वायरल

मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह, भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है। यह आरोप एक फोटो के सामने आमे के बाद लगने लगे हैं। घटना पर विधायक सुरेंद्र सिंह ने जो कहा, वह भी चौंकाने वाला है। उन्होंने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, गोलीकांड के आरोपी को पीटा गया था। उसके पिता को लोगों ने डंडे से मारा। अगर किसी के परिजन को कोई मार देगा तो क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।

 

मुख्य आरोपी के भाई सहित 5 गिरफ्तार, धीरेंद्र सिंह फरार

पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह सहित पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह अभी भी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए दर्जन भर पुलिस टीम छापेमारी कर रही है।

जहां वारदात हुई, उस गांव के असलहों के लाइसेंस निरस्त

वारदात के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दुर्जनपुर गांव में सभी असलहों का लाइसेंस निरस्त करने का फैसला लिया है। बता दें कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में ही कोटा की दुकान को लेकर खुली बैठक चल रही थी। इस दौरान मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने फायरिंग  कर दी, जिससे 46 साल का जयप्रकाश उर्फ गामा पाल घायल हो गया। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

फायरिंग के बाद ईंट-पत्थर चले, 6 महिलाएं बुरी तरह घायल

फायरिंग के बाद ईंट पत्थर और लाठी डंडे भी चलने लगे, जिसमें  तीन महिलाओं सहित आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हत्याकांड में  कुल 8 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा टीमें लगाई गई हैं। देर रात डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने भी वारदात वाली जगह पर पहुंच जायजा लिया।

मृतक के भाई ने पुलिस पर बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया

मृतक के भाई ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जब आरोपी धीरेंद्र प्रताप और उसके समर्थक पत्थरबाजी और फायरिंग कर रहे थे तो पुलिस उनको बचाने की कोशिश कर रही थी। वारदात के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था लेकिन बाद में उसे भीड़ से बाहर ले जाकर छोड़ दिया। ताजा जानकारी के मुताबिक इस मामले में सरकार ने एसडीएम और सीओ को सस्पेंड कर दिया है। 

मायावती ने ट्वीट कर कहा, कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है

घटना पर मायावती ने ट्वीट किया, यूपी में बलिया की हुई घटना अति-चिन्ताजनक तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आए दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा। बीएसपी की यह सलाह।

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