किसान आंदोलन : सिंघु बॉर्डर से 80 फीसदी तक किसान वापस, 15 दिसंबर तक खाली हो जाएंगे सभी आंदोलन स्थल

सरकार के रिवाइज्ड ड्राफ्ट के साथ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से भी ज्यादा समय से जारी आंदोलन लगभग खत्म कर दिया है। 80 फीसदी तक किसान घरों की ओर लौटने लगे हैं। 15 दिसंबर तक सभी बॉर्डर खाली हो जाएंगे।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2021 2:14 AM IST

नई दिल्ली। दिल्ली के टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर से रविवार को रात में भी किसानों के निकलने का सिलसिला जारी रहा। बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर से करीब 80 फीसदी किसान वापस जा चुके  हैं। गाजीपुर बॉर्डर से 50 फीसदी किसान ही अपनी घरों की ओर लौटें हैं। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत अभी आंदोलन स्थल पर डटे हैं। किसानों की तेजी से घर वापसी से माना जा रहा है कि सीमा से सटी इन सड़कों को अब 15 दिसंबर तक किसानों के पूरी तरह से खाली कर देने के बाद से खोल दिया जाएगा। यह सड़कें पिछले एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन की वजह से बंद थीं।

केंद्र ने मानी मांगें तो किसान भी घर लौटे 
केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और कई मांगों को माने जाने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर बनी सहमति के बाद किसान संगठनों ने शनिवार सुबह से दिल्ली बॉर्डर्स से घर वापसी शुरू कर दी थी। हालांकि, किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि वे सभी की वापसी के बाद आंदोलन स्थल से हटेंगे। अभी 15 दिसंबर को किसानों की एक और बैठक होनी है। 

टिकैत के मुताबिक शनिवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसान रवाना हो गए थे। रविवार सुबह तक इनके ट्रैक्टर आंदोलन स्थल से निकलते हुए दिखे। किसानों का कहना है कि सरकार ने सभी मांगें मानने के साथ ही हर मुद्दे को सुलझाने की बात कही है। रविवार को गाजीपुर बॉर्डर का एक बड़ा हिस्सा खाली हो जाएगा। हालांकि यह हिस्सा 15 दिसंबर तक पूरी तरह से खाली होगा। 

गुरु पूर्णिमा के दिन PM ने किया था वापसी का ऐलान
नवंबर में गुरु पूर्णिमा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिन संसद के दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेने वाले विधेयक पारित करा दिए गए। इस कदम के बाद ही सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा में ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई और मोर्चा ने गुरुवार को अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया।

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