केरल में मार्केटिंग फर्म में कर्मचारी को कुत्ता बनाने और जमीन चटवाने के मामले में नया ट्वीस्ट, लेबर डिपार्टमेंट ने सौंपी रिपोर्ट

Published : Apr 06, 2025, 06:28 PM IST
Kochi Marketing Firm Harassment

सार

Kochi Marketing Firm Harassment: वायरल वीडियो के अनुसार, जो लोग टारगेट पूरे नहीं कर पाते, उन्हें प्रबंधन द्वारा अपमानजनक सज़ाएं दी जाती हैं। वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार की ओर से लेबर डिपार्टमेंट को जांच का आदेश दिया गया था। 

Kochi Marketing Firm Harassment: केरल के कोच्चि (Kochi) शहर में प्राइवेट मार्केटिंग फर्म में एक कर्मचारी के हैरेसमेंट के वायरल वीडियो में नया मोड़ आ गया है। वायरल वीडियो में कंपनी का टारगेट न पूरा करने वाले कर्मचारियों को घुटनों पर कुत्ते की तरह चलाया गया और ज़मीन पर पड़े सिक्के चटवाए गए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। हालांकि, अब कर्मचारी ने अपने बयान से सबको हैरान कर दिया है। कर्मचारी ने ऐसे किसी भी उत्पीड़न से इनकार किया है। उधर, लेबर डिपार्टमेंट की जांच में भी वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट की शिकायत गलत और निराधार साबित हुई है।

क्या है लेबर डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट?

वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार की ओर से लेबर डिपार्टमेंट को जांच का आदेश दिया गया था। लेबर डिपार्टमेंट ने जांच किया तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आयी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, वर्कप्लेस पर किसी प्रकार के उत्पीड़न संबंधी शिकायत गलत और निराधार निकली। दो लोगों के आपसी विवाद में यह वीडियो फैलाया गया था जिसे वर्कप्लेस हैरेसमेंट के रूप में प्रमाणित करने का प्रयास किया गया था।

क्या था वायरल वीडियो में?

वायरल वीडियो के अनुसार, जो लोग टारगेट पूरे नहीं कर पाते, उन्हें प्रबंधन द्वारा अपमानजनक सज़ाएं दी जाती हैं। यह घटनाएं कोच्चि के कालूर (Kaloor) क्षेत्र से जुड़े एक मार्केटिंग फर्म की बताई जा रही थीं, जबकि खुद फर्म ने पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि यह घटना किसी अन्य सहयोगी एजेंसी में हुई होगी।

सरकार ने दिए थे जांच के आदेश

जैसे ही मामला सामने आया, केरल के श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी (Labour Minister V Sivankutty) ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं एक सभ्य राज्य में बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। मैंने जिला श्रम अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे तुरंत जांच कर रिपोर्ट सौंपें।

उधर, इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग (Kerala Human Rights Commission) ने हाईकोर्ट के वकील कुलथूर जयसिंह की शिकायत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था।

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