राम विलास पासवान को 'मौसम वैज्ञानिक' कहते थे लालू, 6 प्रधानमंत्रियों के रह चुके हैं 'मंत्री'

देश की राजनीति में लम्बे समय तक अपनी धाक रखने वाले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की अवस्था में निधन हो गया। दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। रामविलास पासवान की 6 दिन पहले जी एक हार्ट सर्जरी हुई थी

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2020 4:36 PM IST / Updated: Oct 09 2020, 11:52 AM IST

नई दिल्ली. देश की राजनीति में लम्बे समय तक अपनी धाक रखने वाले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की अवस्था में निधन हो गया। दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। रामविलास पासवान की 6 दिन पहले जी एक हार्ट सर्जरी हुई थी। राम विलास पासवान की छाप भारतीय राजनीति में 5 दशकों तक चमकने वाले एक सितारे की तरह थी। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उन्हें राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहते थे। इसकी वजह भी चौंकाने वाली है। लालू का कहना था कि वह जो भी सत्ता आती है उसमें पहले से ही शामिल हो जाते थे। उन्हें अनुभव होता था कि सत्ता किसकी रहेगी। उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ बतौर कैबिनेट कैबिनेट मंत्री काम किया था।

छात्र राजनीति में सक्रिय रामविलास पासवान, जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन से निकले थे। साल 1969 में पहली बार पासवान बिहार के विधानसभा चुनावों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए। उसके बाद 1974 में जब लोक दल बना तो पासवान उससे जुड़ गए और महासचिव बनाए गए। साल 1975 के आपातकाल का विरोध करते हुए पासवान जेल भी गए। राम विलास पासवान जो एक समय में कांग्रेस की सत्ता के खिलाफ इमरजेंसी के दौरान जेल गए थे, बाद में उसी की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे। उस दौरान बीजेपी उनकी नीतियों का विरोध करती थी लेकिन मौजूदा मोदी सरकार में पासवान फिर से मंत्री बने।

 6 प्रधानमंत्रियों के साथ किया था काम 
रामविलास पासवान साल 1977 में पहली बार जनता पार्टी के उम्मीददवार के रूप में हाजीपुर सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. हाजीपुर में उन्होंने रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल कर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. इसके बाद साल 1980 के लोकसभा चुनावों में इसी सीट से दोबारा जीत हासिल की.  रामविलास पासवान  32 सालों में 11 चुनाव लड़ चुके हैं। उनमें से नौ जीत चुके हैं। इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन इस बार सत्रहवीं लोकसभा में उन्होंने मोदी सरकार में एक बार फिर से उपभोक्ता मामलों के मंत्री पद की शपथ ली। पासवान के पास 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड भी है।

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