Monsoon Alert: मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र, झारखंड तक पहुंचा मानसून, जानिए कैसा रहने वाला है मौसम

भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) ने आजकल में केरल, मुंबई सहित पूर्वी मध्य प्रदेश तक बारिश का अनुमान लगाया है।  दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) मध्य प्रदेश सहित झारखंड आदि राज्यों में आगे बढ़ चुका है। आइए जानते हैं आजकल में मौसम का हाल...

मौसम डेस्क. भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) ने आजकल में केरल, मुंबई सहित पूर्वी मध्य प्रदेश तक बारिश का अनुमान लगाया है।  दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, पूरे विदर्भ और छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के अधिक हिस्सों में आगे बढ़ गया है। अगले 48 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के पूर्वी मध्य प्रदेश, पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के और हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई और कोंकण तट पर भारी बारिश की संभावना है। तटीय कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी है। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर भी मध्यम से भारी बारिश संभावित है। सुदूर पश्चिमी राजस्थान के बाहर देश के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

(तस्वीर-मुंबई में रविवार को बारिश के बीच सड़क पर छाता लेकर टहलते लोग)

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दक्षिण पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) रविवार को गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के अधिकांश हिस्सों में पहुंच गया, मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।  मौसम विज्ञानी ने कहा कि अगले 2 दिनों में गंगा के बंगाल और झारखंड के शेष हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के आने के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में सोमवार और मंगलवार को अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम ने उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी से बहुत भारी वर्षा की भी भविष्यवाणी की है।

इन राज्यों में बीते दिन हुई बारिश या भारी बारिश
मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान असम और मेघालय में बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। शेष पूर्वोत्तर भारत और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भारी वर्षा हुई। छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। रायलसीमा, तमिलनाडु और पश्चिमी तट पर मध्यम से भारी बारिश होती रही। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में मध्यम से हल्की बारिश दर्ज की गई।

महाराष्ट्र में बिजली गिरने से तीन की मौत
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।     शनिवार को भारी बारिश के बीच पर्थ मुक्तपुर गांव में दिनेश कांबले (32) और बाबाराव इंगले (60) दोनों किसानों की झोपड़ी में आसमान से गिरने से मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि हिवारमठ गांव में योगेश पाटिल (23) की अपने खेत में काम करते समय बिजली गिरने से मौत हो गई।

राजस्थान के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून की बारिश
राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी प्री-मानसून बारिश हुई, जिसमें बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभागों में शनिवार से मध्यम से भारी बारिश हुई। मौसम विभाग (MeT) विभाग के एक अधिकारी ने कहा। पूर्वी राजस्थान के दौसा में शनिवार के बाद से आज सुबह तक सबसे अधिक 85 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य के पश्चिमी भाग में गंगानगर के अनूपगढ़ में 60 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने सोमवार को बीकानेर और अजमेर संभाग में भारी बारिश की संभावना जताई है। अगले दो दिनों में कोटा, अजमेर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने कहा कि 20 जून के बाद राज्य में बारिश में कमी आएगी और पश्चिमी राजस्थान में 23 जून से मौसम शुष्क रहने की संभावना है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने मानसून से पहले 24 जिलों में तैनात करने के लिए 47 टीमों का गठन किया है।
एसडीआरएफ कमांडेंट पंकज चौधरी ने कहा कि ये टीमें 25 जून से तैनात होनी शुरू हो जाएंगी और भारी बारिश, बाढ़ या बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं की स्थिति में बचाव अभियान चलाएगी। 

मौसम में बदलाव की ये हैं वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र पर सक्रिय है। उत्तरी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर पश्चिम बंगाल और असम तक फैली हुई है।एक चक्रवाती हवाओं  का क्षेत्र तमिलनाडु तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक्टिव है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक से दूर अरब सागर में फैली हुई है।

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