Agnipath Scheme सेना ने कहा है कि भर्ती के लिए नोटिफिकेशन 1 जुलाई को ऑनलाइन प्रकाशित किया जाएगा। भर्ती के लिए रैलियां अगस्त के पहले पखवाड़े में शुरू होंगी।
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के ऐलान के बाद देश के कई राज्यों में हिंसा और प्रदर्शन हो रहे हैं। तेलंगाना में एक किशोर की जान चली गई है। दर्जनों ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है। रविवार को हिंसा फैलाने वाले तत्वों पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्र ने अग्निपथ योजना के बारे में फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में 35 व्हाट्सएप ग्रुप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सशस्त्र बलों में नियोजित अल्पकालिक भर्ती को लेकर देश भर में हिंसक विरोध हो रहा है। उधर, सेना ने कोचिंग सेंटरों पर युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया है।
कई राज्यों में अत्यधिक हिंसा
पिछले कुछ दिनों में, विशेष रूप से उत्तर भारत में व्यापक हिंसा हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा राज्य शामिल हैं। ट्रेनों और स्टेशनों को आग लगा दी गई, सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया और कई लोगों की मौत हो गई।
सरकार लगातार आश्वासन दे रही
इस सप्ताह की शुरुआत में योजना की घोषणा के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने सेना में चार साल के बाद अग्निवीरों की बेरोजगारी पर चिंताओं को दूर करने के लिए कई आश्वासन जारी किए हैं। इससे पहले रविवार को सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं ने इस योजना के रोलबैक से इनकार किया। भर्ती प्रक्रिया की एक विस्तृत नोटिफिकेशन की घोषणा की और कहा कि इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों की आयु प्रोफ़ाइल को कम करना है।
सेनाओं के प्रमुखों ने कहा-अनुशासन बुनियादी जरूरत
सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए अनुशासन एक बुनियादी जरूरत है। नौसेना ने कहा कि सभी अग्निशामकों को एक प्रतिज्ञा देनी होगी कि उन्होंने कभी भी किसी आगजनी या विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया। नौसेना ने तीनों सेनाओं की संयुक्त ब्रीफिंग में कहा कि अगर किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट है, तो वे अग्निवीरों का हिस्सा नहीं हो सकते हैं।
योजना को किसी भी सूरत में नहीं लिया जाएगा वापस
सैन्य विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा, और इसे वापस क्यों लिया जाना चाहिए? बदलाव की हमारी आकांक्षाएं पिछले कई दशकों से हैं। सेना ने कहा कि कारगिल समीक्षा समिति और अरुण सिंह समिति के अनुसार बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं। सेना की उम्र को कैसे कम किया जाए, इस पर पहले ही लंबी चर्चा हो चुकी है। विदेशी ताकतों का अध्ययन किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हम युवा चाहते हैं। युवा जोखिम लेने वाला है, जुनून है। हम समान अनुपात में जोश (उत्साह) और होश (खुफिया) का एक घटक चाहते थे। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे किसी विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। यह हमारा काम नहीं है। यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा है। सेना ने कहा है कि भर्ती के लिए नोटिफिकेशन 1 जुलाई को ऑनलाइन प्रकाशित किया जाएगा। भर्ती के लिए रैलियां अगस्त के पहले पखवाड़े में शुरू होंगी।
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