कोरोना वायरस के मरीज हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। सभी राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के मरीज हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। सभी राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में कम बेड होने की वजह से दिल्ली सरकार ने लोगों को होम क्वारंटीन का सुझाव दिया था। इस पर अब उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश जारी किया है और कहा कि सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 5 दिन सरकारी क्वारनटीन में रहना अनिवार्य होगा।
पांच दिन के लिए अस्पताल में होना क्वारनटीन
उपराज्यपाल अनिल बैजल के नए आदेश के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे सीधे पांच दिनों के लिए अनिवार्य संस्थागत (अस्पताल/अन्य सरकारी जगह) क्वारनटीन भेजा जाएगा। इसके बाद ही किसी व्यक्ति को होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा, लेकिन अगर लक्षण हैं तो आगे उसी हिसाब से क्वारन्टीन सेन्टर या हॉस्पिटल में भेजा जाएगा। यानी कि किसी मरीज में अगर कोरोना के लक्षण नहीं भी हैं तो उन्हें संस्थागत क्वारनटीन में ही रहना होगा। इससे पहले अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता था और उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिलते थे तो उन्हें होम आइसोलेशन में भेज दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रफ्तार तेज
अगर दिल्ली के हर दिन के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ये तेजी से आए दिन बढ़ रहे हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 3137 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 53,116 पर पहुंच गया है। अच्छी बात यह है कि दिल्ली में कोरोना मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। अब तक 23,569 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं।
होम आइसोलेशन में 10,490 लोग
दिल्ली में फिलहाल एक्टिव कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 27,512 है। वहीं, होम आइसोलेशन में 10,490 लोग हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि उपराज्यपाल के इस फैसले के बाद होम क्वारनटीन में रह रहे 10,490 लोगों का क्या होगा? क्या इन्हें फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा जाएगा या फिर आदेशानुसार अनिवार्य संस्थागत क्वारनटीन में भेजा जाएगा? क्या दिल्ली सरकार के पास इतनी जगह है कि वो इन लोगों को सरकारी क्वारनटीन में रख सके।
लोग खुद ही आकर करवा रहे कोरोना टेस्ट
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के इस आदेश को लेकर कहा है कि होम आइसोलेशन की वजह से मामूली लक्षणों वाले बहुत से लोग खुद अपने घरों से बाहर आकर अपनी जांच करा रहे हैं। क्योंकि उन्हें जबरदस्ती अस्पताल या क्वारनटीन सेंटर नहीं ले जाया जा रहा है, लेकिन आज केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन पर रोक लगाने को कहा है। उनके इस आदेश से लोग हतोत्साहित होंगे। एसिम्प्टोमैटिक व हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज जांच से बचेंगे और क्वारनटीन नहीं होंगे, नतीजतन संक्रमण और फैलेगा।
दिल्ली में बढ़ाने पड़ेंगे मरीजों के लिए कमरे
दिल्ली में मरीजों की संख्या पहले से ही ज्यादा है। ऐसे में मौजूदा तैयारियों के बीच जुलाई तक गंभीर रोगियों के लिए 80,000 बेड की योजना के अलावा हजारों क्वारनटीन कमरे और बढ़ाने होंगे। पहले से ही गंभीर रोगियों के इलाज के लिए डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी है। ऐसे में सवाल यहां खड़ा होता है कि इन क्वारनटीन केंद्रों की देखभाल के लिए मेडिकल स्टाफ कहां से आएंगे?
दिल्ली सरकार की पूरी मैन-पावर पहले से ही लगी हुई है। अब हजारों एसिम्प्टोमैटिक लोगों के लिए बड़े क्वारनटीन केंद्रों के रूप में घर बनाने की आवश्यकता होगी। फिलहाल, हजारों मरीजों का इलाज घर पर किया जा रहा है। इस आदेश के बाद सरकार को तुरंत क्वारनटीन सेंटरों में हजारों बेड की आवश्यकता होगी।
आईसीएमआर के दिशा-निर्देश अभी भी शेष भारत पर लागू हैं, फिर दिल्ली के लिए अलग मापदंड क्यों हैं? कोरोना के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में सभी पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ हैं, लेकिन इस तरह के मनमाने फैसले से दिल्ली को गंभीर नुकसान हो सकता है। माना जा रहा है कि उप-राज्यपाल को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।