LOC Ceasefire: बॉर्डर इलाके में 75 गांव कैसे बन गए टूरिस्ट हब, शांति बहाली के बाद बड़ा बदलाव

उत्तरी कश्मीर में भारत और पाकिस्तान-नियंत्रित जम्मू-कश्मीर के बीच नियंत्रण रेखा एलओसी पर स्थित लगभग आधा दर्जन दर्शनीय स्थल देशभर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।

 

LOC Ceasefire. एलओसी के नजदीक करीब दर्जनों गांव इस वक्त पर्यटक का केंद्र बन चुके हैं, जिसका श्रेय दोनों देशों के बीच 3 साल पहले शांति के लिए हुए युद्धविराम की सहमति है। बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपुर जिलों की सुंदर घाटियां और घास के मैदान, जो दूर-दराज के इलाकों में छिपे हुए थे, फरवरी 2021 से अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। यह तभी संभव हो पाया जब भारत और पाकिस्तान सीजफायर पर सहमत हुए।

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सीजफायर से स्थानीय लोगों की उम्मीद जगी

सीजफायर की वजह से स्थानीय लोगों में शांति, समृद्धि और विकास की उम्मीदें फिर से जगी है। अब तक अनदेखे सुंदर स्थान, जो ढाई साल से देशभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, उनमें श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रोड पर बारामूला जिले में उरी के पास कमान पोस्ट या अमन सेतु, कुपवाड़ा में टीटवाल, बंगस, केरन और माछिल शामिल हैं। बांदीपुर में गुरेज, जम्मू संभाग में इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुचेतगढ़ और आरएस पुरा इलाकों में भी बाहर से पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। सरकार ने 75 नए स्थानों की पहचान की है, जहां पर्यटन विभाग काम कर रहा है और वहां डेवलपमेंट कराया जा रहा है। स्थानीय लोग खुश हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में उनके जीवन में खुशहाली आएगी। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले सालों से पर्यटन गांवों को विकसित करके उनके इतिहास, प्राकृतिक वैभव और स्थानीय लोगों की अनूठी संस्कृति को उजागर किया जा रहा है। इससे पर्यटन बढ़ा है।

युवाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा

सरकार की योजना के अनुसार बड़े होटलों के निर्माण के बजाय विभाग होमस्टे विकसित करने पर काम कर रहा है। जिससे यहां के युवाओं को नया रोजगार मिलेगा। इन दूरदराज के क्षेत्रों में गरीबी दूर होगी। बंगस मिनी-वैली है और श्रीनगर से लगभग 150 किमी दूर स्थित है। सितंबर 2021 में भारत सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों विशेष रूप से उत्तरी कश्मीर में विकास योजना की घोषणाएं की हैं, जिससे संभावनाएं बढ़ी हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में कमान ब्रिज के पास कमान पोस्ट या श्रीनगर-मुजफ्फराबाद पर सलामाबाद-उरी के पास अमन सेतु है। इस साल मई से जुलाई के बीच कम से कम 16,000 पर्यटक यहां आए। यह स्थान सबसे पहले स्थानीय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हुआ क्योंकि वे 2003-2006 तक पुल को देखने के लिए आते रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव के कारण यात्री बस सेवा और सीमा पार व्यापार दोनों बंद है। कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के करीब टीटवाल महत्वपूर्ण स्थान बन गया है, जहां किशनगंगा नदी के तट पर स्थित शारदापीठ मंदिर को मार्च में खोल दिया गया। बहुत सारे तीर्थयात्री मंदिर में आ रहे हैं और स्थानीय लोग तीर्थयात्रियों को होमस्टे की पेशकश कर रहे हैं। 85 किमी लंबी श्रीनगर-टीटवाल सड़क अच्छी नहीं है लेकिन औसतन 20-30 तीर्थयात्री प्रतिदिन मंदिर आते हैं। श्रीनगर से 141 किमी दूर गुरेज घाटी तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रही है। पांच ऊंचे पर्वतीय दर्रों में से राजधन दर्रा, समुद्र तल से 11600 फीट की ऊंचाई पर है। पिछले दो वर्षों के दौरान क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है। बांदीपुर से लगभग 95 प्रतिशत सड़क पूरी तरह से विकसित हो चुकी है। भोजन की दुकानें, होमस्टे और लगभग 300 तंबू वाले आवास जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। बांदीपुर के एक साहसी बाइकर फहीम अल्ताफ ने कहा कि वे अक्सर यहां का दौरा करते हैं।

साभार- आवाज द वॉयस

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