Local Goes Global: भारतीय प्रॉडक्ट्स को प्रमोट करने PM की पहल; आज करेंगे दुनियाभर में मौजूद अपने लोगों से बात

अपनी तरह की एक पहल (Local Goes Global) में प्रधानमंत्री विदेशों में भारतीय मिशनों के प्रमुखों और व्यापार एवं वाणिज्य क्षेत्र के हितधारकों से बातचीत करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2021 5:55 AM IST / Updated: Aug 06 2021, 11:33 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को शाम 6 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विदेश में भारतीय मिशनों के प्रमुखों (Heads of Indian Missions abroad) और व्यापार एवं वाणिज्य क्षेत्र के हितधारकों (stakeholders of the trade & commerce sector) से बातचीत करेंगे। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा 'लोकल गोज ग्लोबल-मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' यानी 'स्थानीय से वैश्विक-दुनिया के लिए भारत में बनाइये' (Local Goes Global - Make in India for the World) के आह्वान के लिए होगा।

विनिर्माण क्षेत्र और समग्र अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव के साथ निर्यात में रोजगार सृजन की असीम संभावनाएं हैं। इसमें विशेष रूप से एमएसएमई और ज्यादा श्रम प्रधान वाले क्षेत्र शामिल हैं। इस बातचीत का उद्देश्य भारत के निर्यात और वैश्विक व्यापार में उसके हिस्से का लाभ उठाने तथा इसे विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित करना है। इस बातचीत का उद्देश्य निर्यात क्षमता का विस्तार करने और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय क्षमताओं के उपयोग की खातिर सभी हितधारकों को सक्रिय करना है।

इस बातचीत के दौरान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री एवं विदेश मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। इस दौरान 20 से अधिक विभागों के सचिवों, राज्य सरकार के अधिकारियों, निर्यात संवर्धन परिषदों के सदस्यों और वाणिज्य मंडलों की भागीदारी भी रहेगी।

क्या है मेक इन इंडिया
भारत में निर्मित चीजों के जरिये देश इकोनॉमी को बढ़ाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसक मकसद भारत को महत्वपूर्ण निवेश और निर्माण, संरचना और नए-नए आइडियाज के तौर पर विकसित करना है। इसका एक उद्देश्य दुनियाभर को भारत में निवेश करने के लिए अच्छा माहौल देना भी है। अब इस दिशा में Local Goes Globa के जरिये भारतीय प्रॉडक्ट्स को दुनियाभर में पहचान दिलाने की पहल की जा रही है। 
मेक इन इंडिया के जरिये देश के सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 2022 तक बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना है। मैन्युफैक्चरिंग में अगले साल तक 10 करोड़ से अधिक अतिरिक्त रोजगार मुहैया कराना भी है।

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