प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक, आज से ही उन इलाकों में लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी जाएगी, जहां कोरोना का संक्रमण नहीं फैल रहा है। लेकिन वहां ट्रेनें, बसें और उड़ानें 3 मई तक नहीं शुरू होंगी। देश के 170 जिले रेड जोन, 207 जिलों ऑरेंज जोन और 359 को ग्रीन जोन में रखा गया है।
नई दिल्ली. देश भर में जारी 3 मई तक लॉकडाउन के बीच ग्रीन जोन एरिया को आज सोमवार से राहत मिलनी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक, आज से ही उन इलाकों में लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी जाएगी, जहां कोरोना का संक्रमण नहीं फैल रहा है। लेकिन वहां ट्रेनें, बसें और उड़ानें 3 मई तक नहीं शुरू होंगी। यानी 100 करोड़ आबादी 3 मई तक इन साधनों से कहीं आ-जा नहीं सकेगी। अभी देश के 170 जिले हॉटस्पॉट यानी रेड जोन हैं, जिसमें देश के 6 मेट्रो शहर- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद भी शामिल हैं। जबकि 207 जिलों को नॉन हॉटस्पॉट यानी ऑरेंज जोन और 359 को ग्रीन जोन में रखा गया है।
पंजाब, तेलंगाना और दिल्ली में कोई छूट नहीं, महाराष्ट्र में सशर्त राहत
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए पंजाब, तेलंगाना और दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में 20 अप्रैल से किसी भी तरह की रियायत नहीं दी है। वहीं, राजस्थान में मॉडिफाई लॉकडाउन लागू होगा यानी कई सेक्टर्स और कामकाजों में छूट दी जाएगी, पर सुरक्षा शर्तों के साथ। महाराष्ट्र में जहां कोरोना के मामले कम है वहीं औद्योगिक गतिविधियां शुरू होंगी। यहां 26 जिलों में कोरोना का संक्रमण कम है।
हरियाणा में फैक्ट्रियों को सुरक्षा नियमों के पालन के साथ काम शुरू करने होंगे। लेकिन इन्हें भी आवेदन के बाद ही काम करने की अनुमति मिलेगी। हाईवे पर ढाबे खोले जाएंगे। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार में भी शर्तों के साथ ही चुनिंदा गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी गई है। उत्तर प्रदेश में उद्योगों को शुरू करने का फैसला लिया गया है। लेकिन, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा है कि डीएम अपने जिलों की स्थितियों के हिसाब से खुद ही फैसला लें।
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में कोई राहत नहीं
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में लॉकडाउन में किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। यहां 10 से ज्यादा कोरोनावायरस के केस सामने आए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली गई एक मीटिंग में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम और पुलिस अफसरों से कहा कि हॉट स्पॉट एरिया में कोई राहत नहीं दी जाएगी। इन इलाकों में केवल सफाईकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और डिलीवरी बॉय को जाने की इजाजत रहेगी। बाकी जिलों के डीएम हालात को देखते हुए अपने स्तर पर फैसला लें।
दिल्ली के सभी 11 जिले हॉटस्पॉट, कोई राहत नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों की जिंदगी को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला लिया है कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कोई राहत नहीं दी जाएगी। हम विशेषज्ञों के साथ 27 अप्रैल को एक समीक्षा बैठक करेंगे। जिसमें हालात को देखते हुए आगे का फैसला लिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन के नियमों में ढील दी जाएगी। दिल्ली में 11 जिले हैं और सभी हॉट स्पॉट हैं। केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती है।
प्रवासी मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य नहीं जा सकेंगे
प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने रविवार को गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, आज से राज्यों में आंशिक रूप से शुरू हो रही औद्योगिक गतिविधियों के लिए प्रवासी मजदूर राज्यों के भीतर आवाजाही कर सकेंगे। लेकिन, सरकार ने स्पष्ट किया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में मजदूर नहीं जा सकेंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि 3 मई तक कोई भी मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य नहीं जा सकेगा। यह फैसला ऐसे वक्त लिया गया है, जब मुंबई, सूरत, दिल्ली जैसी जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर आने के लिए कोशिशें कर रहे हैं।
ई-कॉमर्स केवल जरूरी सामानों की करेगा डिलीवरी
ई-कॉमर्स कंपनियों से सिर्फ जरूरी सामान ही ऑर्डर कर सकेंगे
ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल जरूरी चीजों की डिलीवरी करने की मंजूरी दी गई है। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि इससे फुटकर कारोबारियों को समान अवसर मिल सकेंगे। सरकार ने 15 अप्रैल को जारी किए नोटिफिकेशन में कहा था कि 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियां दवाईयां, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट आदि बेच सकेंगी।
सचिवालयों में आज से काम शुरू होगा
लोकसभा और राज्यसभा में आज से कामकाज शुरू हो जाएगा। लेकिन, केवल 33 फीसदी स्टाफ को ही यहां काम करने की इजाजत दी गई है। इस स्टाफ को भी हिदायत दी गई है कि एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठें और शिफ्टों में काम करें। इसके साथ ही सभी डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारी आज से काम पर लौटेंगे। यह सभी लॉकडाउन के चलते करीब एक महीने से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ज्वाइंट सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी, स्पेशल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों ने 13 अप्रैल से ही केंद्र सरकार के ऑफिसों में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को संशोधित गाइडलाइन में कहा था कि सभी मंत्रालय और विभाग व उनके तहत आने वाले दफ्तरों में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारियों की 100 फीसदी मौजूदगी रहेगी। बाकी स्टाफ का 33 फीसदी हिस्सा ही काम करेगा।
इन कामों को मिली छूट
इन पर अब भी रहेगी पाबंदी