अमरोहा सांसद दानिश अली ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। इससे पहले वह बसपा में था, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
नेशनल डेस्क। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ तमाम राजनीतिक दलों में उथल पुथल शुरू हो गई है। कई नेता भी अपने आप को चुनाव में मजबूती से साबित करने के लिए बैनर तलाश रहे हैं। ऐसे में अमरोहा सांसद दानिश अली ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इससे पहले वह बसपा में था, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
बसपा से निकाले जाने के बाद बढ़ीं कांग्रेस से नजदीकियां
दानिश अली बसपा के मजबूत खिलाड़ी माने जाते थे लेकिन पिछले साल दिसंबर में बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद से कांग्रेस के साथ उनकी नजदीकियां काफी बढ़ गई थीं।
विभाजकारी शक्तियों से लड़ने के लिए उठाया कदम
दानिश अली ने भाजपा सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश में विभाजनकारी शक्तियां ताकतवार होती जा रही हैं। देश को बांटा जा रहा है। गरीबों, पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। देश को पूंजीपतियों के हाथ बेचा जा रहा है जिससे आम नागरिक महंगाई की मार झेल रहा है। उन्होंने कहा कि विभाजनकारी शक्तियों से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। इसीलिए ये कदम उठाया है।
अमरोहा से सांसद हैं दानिश
दानिश अली का राजनीतिक बैकग्राउंड भी मजबूत रहा है। दानिश अमरोहा से बसपा सांसद हैं। 2019 के चुनाव में इन्होंने बीजेपी के कंवर सिंह तंवर और कांग्रेस के सचिन चौधरी को हराकर जीत दर्ज की थी। दानिश का राजनीति से पुराना नाता रहा है। दानिश के दादा भी कुंवर महमूद अली 1957 में डासना विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।