लोकसभा चुनाव: वंशवाद की राजनीति पर सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने कही ये बात

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। उन्होंने वंशवाद की राजनीति और अपने परिवार के बारे में बात की है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा ने बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार हैं। वह भारत की पूर्व विदेश मंत्री और कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज की बेटी हैं। उन्होंने अपने परिवार और वंशवादी राजनीति पर खुलकर बात की है।

एक न्यूज एजेंसी के साथ बताचीत में बांसुरी स्वराज ने बचपन से अपनी मां के साथ अपने गहरे संबंधों को याद किया। बांसुरी ने बताया कि उन्होंने हर साल लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर उनका पसंदीदा केक भेजने की दिवंगत मंत्री सुषमा स्वराज की परंपरा को जारी रखा है।

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बांसुरी बोलीं- मां के चलते राजनीति में नहीं हूं

बांसुरी सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की इकलौती संतान हैं। उन्होंने कहा कि बड़े होने के दौरान घर में नियम था- उन्हें अपनी मां से हिंदी में और पिता से अंग्रेजी में बात करनी होती थी। इसके चलते उनकी दोनों भाषा अच्छी हो गई। उनकी परवरिश सामान्य बच्चों की तरह की गई, जिसने वह जमीन से जुड़ी रहीं।

बांसुरी ने कहा, "मैं विनम्रतापूर्वक कहती हूं कि मैं सुषमा स्वराज की वजह से राजनीति में नहीं हूं। मैं यह बात बड़ी जिम्मेदारी के साथ कह रही हूं। मैंने ABVP कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। संघ में आए मुझे 24 साल हो गए। पिछले 10 साल से मैं वकील के रूप में पार्टी और संगठन की सेवा कर रही हूं। मां के निधन के चार साल बाद मुझे पार्टी में पहली जिम्मेदारी दिल्ली भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के सह-संयोजक के रूप में मिली थी।"

सभी को मिलना चाहिए समान अवसर

बांसुरी स्वराज ने कहा कि जहां तक वंशवाद की राजनीति का सवाल है किसी को सिर्फ इस लिए अवसर नहीं मिले कि वह खास परिवार में पैदा हुई ठीक नहीं है। सभी को समान अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर मैं पार्टी की मालिक होती तो यह वंशवाद की राजनीति होती। वंशवाद का मतलब है कि आप किसी खास परिवार में जन्म लेने से उस परिवार की पार्टी के प्रमुख बनने के दावेदार बन जाते हैं। अवसर की समानता सभी के लिए उचित है, चाहे वह सुषमा स्वराज की बेटी हो या कोई और।"

बांसुरी ने कहा, "मैंने अपने माता-पिता से सबकुछ सीखा है। अगर आप इकलौती संतान होते हैं तो आप अपने माता-पिता के प्रोजेक्ट बन जाते हैं। वे आपमें खुद को निवेश करते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने अपना सबसे बेहतर दिया।"

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सुषमा स्वराज की बात करते हुए बांसुरी ने कहा, "उनके कद और विरासत में कुछ ऐसा हो जो लोगों के दिमाग पर असर डालता है। मैं उनकी नकल नहीं कर सकती। उन्होंने मुझमें इतना निवेश किया, इसलिए नहीं कि मैं उसकी नकल बनूं। वह चाहती थी कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ बनूं। उनकी जगह लेने की कोशिश करना मूर्खता होगी। सुषमा स्वराज केवल एक ही हो सकती हैं।"

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