100 करोड़ की अवैध वसूली केस का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस(Lookout Notice) जारी होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।
मुंबई. पुलिस के जरिये व्यापारियों से 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है। ED का आशंका थी कि देशमुख मामले से बचने देश छोड़कर भाग सकते हैं। उन्होंने जांच एजेंसी के पांच समन का जवाब तक नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार देशमुख जल्द गिरफ्तार भी हो सकते हैं। देशमुख ने अप्रैल में महाराष्ट्र के गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।
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पूर्व पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे 100 करोड़ की वसूली के आरोप
अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए थे। शिकायत में कहा गया कि इसके लिए देशमुख ने पुलिस अधिकारियों पर दवाब बनाया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रही है। ईडी ने देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। परमबीर सिंह को मुकेश अंबानी के घर के बार विस्फोटक से लदी एक एसयूवी मिलने के मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते हटाया गया था। इसके बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने एंटीलिया केस के आरोपी तत्कालीन एएसआई सचिन वाजे को शहर के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने को कहा था।
देशमुख की कहानी
नागपुर जिले में काटोल के पास वाडविहिरा गांव के रहने वाले देशमुख ने 70 के दशक सेराजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने सबसे पहले चुनाव 1992 में जिला परिषद का चुनाव जीता था। इसके बाद वह पहली बार 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने। इसके बाद उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया। राज्य में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन की सरकार बनी और देशमुख को स्कूली शिक्षा और सांस्कृतिक मंत्री बना दिया गया। अभी 70 साल के देशमुख अभी महाविकास आघाड़ी गठबंधन सरकार में गृहमंत्री हैं। वह राष्टवादी कांग्रेस पार्टी यानि NCP के नेता हैं। क्लिक करके विस्तार से पढ़ें