loudspeakers in mosques:नमाज के वक्त लाउडस्पीकर से स्कूलों में न हो शोर, WB की एक मस्जिद ने लिया बड़ा फैसला

मस्जिदों में नमाज के समय लाउडस्पीकर(loudspeakers in mosques) का तेज वॉल्युम अकसर लोगों की परेशानी का कारण बन जाता है। इसे लेकर दुनिया के तमाम देश सख्ती कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की एक मस्जिद ने भी इस दिशा में अच्छी पहल की है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 2:40 AM IST / Updated: Dec 11 2021, 08:15 AM IST

नई दिल्ली. मस्जिदों में नमाज के वक्त लाउडस्पीकर(loudspeakers in mosques) के इस्तेमाल को लेकर अकसर सवाल उठते रहे हैं। दुनिया के तमाम देश; खासकर मुस्लिम मुल्क मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर सख्ती अपनाते जा रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पश्चिम बंगाल में सामने आया है। लेकिन यहां मस्जिद ने खुद यह अच्छी पहल की है। बच्चों की पढ़ाई में बाधा न पहुंचे इसलिए जलपाईगुड़ी में एक मस्जिद अज़ान के समय लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करता। स्कूल के शिक्षक इंद्रनील साहा ने ANI को बताया, “स्थानीय लोगों ने काफ़ी सहयोग किया है। पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा ठीक नहीं इससे बच्चों का ध्यान भी भटकता है।”

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दुनियाभर में इसे लेकर सख्ती बरती जा रही है
दुनियाभर में मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर सख्ती बरती जाने लगी है।  सऊदी अरब प्रशासन ने पिछले दिनों लाउडस्पीकर की आवाज कम रखने का आदेश सुनाया था। सऊदी अरब में इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉक्टर अब्दुल लतीफ़ बिन अब्दुल्ला अज़ीज़ अल-शेख ने मई में इन प्रतिबंधों की घोषणा की थी। उनका कहना था कि ऐसी भी शिकायतें मिलीं हैं कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज से बच्चों की नींद ख़राब होती है।

इंडोनेशिया पहले ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा चुका है। इंडोनेशिया ने लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए बड़ा फैसला किया था। मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया ने अजान करने वाले लाउडस्पीकर्स की आवाज घटाने का निर्णय लिया था। तेज आवाज से लोगों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए देश के मस्जिद परिषद ने यह फैसला लिया था। दरअसल, अजान या किसी तरह से मस्जिद का विरोध ईशनिंदा की श्रेणी में आता है लेकिन यहां स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने से मस्जिद परिषद ने खुद आगे आकर फैसला लिया है।

खुले में नमाज को लेकर भी टकराव
इधर, खुले में नमाज को लेकर भी टकराव की स्थिति बनने लगी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि खुले में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी। लोग धार्मिक स्थलों में नमाज पढ़ें और जगह नहीं है तो अपने घर में पढ़ें। बता दें कि हरियाणा में कई महीनों से खुले में नमाज पर विवाद चल रहा है। गुरुग्राम में कुछ हिंदू संगठन और स्थानीय निवासी जुमे के दिन खुले में होने वाली नमाज का विरोध कर रहे हैं। 27 नवंबर को सेक्टर-37 में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस की सुरक्षा में नमाज पढ़ी। इस दौरान हिंदू संगठन के लोगों ने सेक्टर-37 के ग्राउंड में पहुंचकर 26/11 हमले में शहीद हुए लोगों के लिए हवन किया और हनुमान चालीसा का पाठ किया।

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