Pinaka-ER: दुश्मनों के होश उड़ाने आ गया नई टेक्नोलॉजी से लैस रॉकेट लॉन्चर Pinaka-ER

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने शनिवार को राजस्थान के पोखरन में स्वदेशी(MADE IN INDIA) रॉकेट लॉन्चर सिस्टम Pinaka-ER के एक्सटेंडेड वर्जन का सफल परीक्षण किया। इस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को DRDO के अरमामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट(ARDE) और पुणे की हाई एनर्जी मटैरियल रिसर्च लैब(HEMRL) ने मिलकर तैयार किया है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 9:04 AM IST / Updated: Dec 11 2021, 02:35 PM IST

नई दिल्ली. दुश्मनों के छक्के छुड़ाने भारतीय सेना(Indian Army) को एक नया हथियार मिल गया है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने शनिवार को राजस्थान के पोखरन में स्वदेशी(MADE IN INDIA) रॉकेट लॉन्चर सिस्टम Pinaka-ER के एक्सटेंडेड वर्जन का सफल परीक्षण किया। इस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को DRDO के अरमामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट(ARDE) और पुणे की हाई एनर्जी मटैरियल रिसर्च लैब(HEMRL) ने मिलकर तैयार किया है।

तीन दिन चला मूल्यांकन और परीक्षण
पिनाक की बढ़ी हुई मारक क्षमता तय हो जाने के बाद डीआरडीओ ने इस प्रणाली की प्रौद्योगिकी को उद्योग को हस्तांतरित कर दिया। उद्योग साझीदार ने उक्त पिनाक एमके-1 रॉकेट का निर्माण किया। उत्पादन और गुणवत्ता पालन के लिये डीआरडीओ ने पूरा सहयोग किया था। सेना के साथ डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों के दौरान फील्ड फायरिंग रेंज में उद्योग द्वारा उत्पादित इन रॉकेटों की मारक क्षमता का मूल्यांकन तथा परीक्षण किया। इन परीक्षणों में, उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाक रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ भिन्न-भिन्न दूरी से किया गया। सारे परीक्षण लक्ष्यों की पूर्ति संतोषजनक रही। विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। इसके साथ ही उद्योग साझीदार द्वारा पिनाक-ईआर की प्रौद्योगिकी के शुरूआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसके निर्माण में उद्योग भी सफल रहा। अब उद्योग साझीदार रॉकेट प्रणाली की पूरी श्रृंखला के उत्पादन के लिए तैयार है।

नई जरूरतों को पूरा करेगा
पिनाक रॉकेटों के लिए स्वदेशी स्तर पर विकसित फ्यूजों का भी परीक्षण किया गया। पुणे स्थित एआरडीई ने पिनाक रॉकेटों के लिए विभिन्न फ्यूज विकसित किए हैं, जिनका भिन्न-भिन्न उपयोग है। पहले निर्माण करने के लिये इनका डिजाइन तैयार किया गया। उसके बाद फ्यूजों की कुशलता का मूल्यांकन किया गया, जिसके लिए उड़ान परीक्षण पूरा किया गया। लगातार उड़ान परीक्षणों में फ्यूज का प्रदर्शन सटीक रहा।

देश में पहली बार
इनका विकास समर्पित स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के जरिये देश में पहली बार किया गया है। स्वदेशी स्तर पर विकसित ये फ्यूज, आयातित फ्यूजों की जगह लेंगे तथा इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। एआरडीई ने एडीएम के लिये लघु फ्यूज भी डिजाइन किए हैं। दोहरे उद्देश्य वाले डायरेक्ट-ऐक्शन सेल्फ डिस्ट्रक्शन (डीएएसडी) और एंटी-टैंक म्यूनिशन (एटीएम) फ्यूजों का मौजूदा उड़ान परीक्षणों के दौरान मूल्यांकन किया गया। इनके नतीजे भी संतोषजनक रहे। सभी उपरोक्त परीक्षणों में सभी मिशन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

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