3 घंटे में खत्म हुआ 30 दिन का सियासी ड्रामा, सत्ता की होड़ से बाहर भाजपा ने ऐसे जीती बाजी

महाराष्ट्र में एक बड़े उलटफेर के साथ सत्ता को लेकर 30 दिन से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म हो गया। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली।

मुंबई. महाराष्ट्र में एक बड़े उलटफेर के साथ सत्ता को लेकर 30 दिन से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म हो गया। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। सत्ता की होड़ से बाहर चल रही भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हुई। पूरा राजनीतिक घटनाक्रम सिर्फ 10 घंटे में बदल गया। 

दरअसल, महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन की सरकार बनती दिख रही थी। तीनों पार्टियों के नेताओं की लगातार बैठक हो रही थी। लेकिन अचानक से 10 घंटे में पूरा घटनाक्रम बदल गया। 

Latest Videos

रात 9.30 बजे शुरू हुई BJP की सर्जिकल स्ट्राइक

- शुक्रवार रात 9.30 बजे फडणवीस ने दावा पेश किया।
- रात 12 बजे अजित पवार ने भाजपा को समर्थन देने का पत्र राज्यपाल को सौंपा।
- रात 12.30 बजे राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की।
- 5:47 बजे राष्ट्रपति शासन हटा।
- 8.00- 8.15 बजे देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने शपथ ली।
- 8.16 पीएम मोदी और 8.37 पर शाह ने दोनों को बधाई दी।

अजित पवार ने सबको चौकाया
अजित पवार ने सबको चौकाते हुए डिप्टी सीएम की शपथ ली। भाजपा का कहना है कि एनसीपी के सभी विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा को समर्थन देने के पीछे एनसीपी प्रमुख शरद पवार की क्या भूमिका रही। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि शरद पवार को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी। हालांकि, एनसीपी नेता प्रफुल पटेल का कहना है कि शरद पवार को इस घटना क्रम की जानकारी नहीं थी। 

Share this article
click me!

Latest Videos

बीजेपी की सोच और आदिवासी... राहुल गांधी ने किया बहुत बड़ा दावा #Shorts
क्या है धारावी का वो प्रोजेक्ट जिस पर राहुल गांधी के निशाने पर हैं अडानी और बीजेपी । Dharavi Project
खुला लॉकर-निकला पोस्टर और सामने आया एक हैं तो सेफ हैं कांग्रेसी वर्जन #Shorts #RahulGandhi
झांसी अग्निकांड: 75 मिनट तक जांच और साढ़े 5 घंटे चली पूछताछ, क्या आया सामने? । Jhansi Hospital fire
किसी पर नहीं आई झांसी अग्निकांड के जांच की आंच, आखिर क्यों नहीं हुआ अब तक ये एक काम?