महाराष्ट्र में सरकार को लेकर गतिरोध; उद्धव से गडकरी की मुलाकात, सुलह के लिए गुरुजी ने संभाला है मोर्चा

भाजपा- शिवसेना गठबंधन के बीच जारी तनातनी के बीच सरकार के गठन को लेकर महज 1 दिन शेष रह गए है। दोनों दलों के बीच कमजोर होते विश्नवास के डोर के बीच खबर आ रही है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मातोश्री पहुंचकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 8, 2019 4:53 AM IST / Updated: Nov 08 2019, 11:23 AM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक पखवाड़े बाद भी नई सरकार का गठन नहीं किया जा सका है। भाजपा- शिवसेना गठबंधन के बीच जारी तनातनी के बीच सरकार के गठन को लेकर महज 1 दिन शेष रह गए है। दोनों दलों के बीच कमजोर होते विश्नवास के डोर के बीच खबर आ रही है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मातोश्री पहुंचकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। अब सबकी निगाहें इस संभावित मुलाकात पर टिकी हैं। अगर आज भी कोई रास्ता नहीं निकलता है तो आखिरकार वर्तमान मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।

दोनों दल अपने जिद्द पर अड़े 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और शिवसेना में तनातनी जारी है। दोनों ही दल अपनी पार्टी से सीएम बनाने पर अड़े हैं। वहीं, शिवसेना का कहना है कि वह चुनाव पूर्व हुए वादों के आधार पर ही सरकार का गठन करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें झूठा ठहराने की कोशिश की जा रही है। जबकि, चुनाव पूर्व 50-50 का वादा किया गया था। जिसके तहत एक निश्चित अंतराल के बाद दोनों दलों से मुख्यमंत्री तय किए जाएंगे।

अंदरखाने चल रहीं कई कोशिशें

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनाने के लिए अंदरखाने तमाम कोशिशें चल रही है। इस कोशिश में उद्योगपति के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं। बताया जा रहा कि बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनवाने के लिए दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े भी सक्रिय हो गए हैं। वे बीजेपी और शिवसेना के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक संभाजी भिड़े शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री आए थे, हालांकि उनकी मुलाकात तो नहीं हो सकी, लेकिन उनका संदेश शिवसेना प्रमुख तक पहुंच गया है। इधर सूत्रों की माने तो उद्धव ठाकरे देवेंद्र फडणवीस के नाम पर किसी भी तरह विचार करने को तैयार नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में सीएम फडणवीस तीन बार उद्धव ठाकरे से बात करने की कोशिश कर चुके हैं। 

कौन है संभाजी 

संभाजी को महाराष्ट्र में भिड़े गुरुजी के नाम से जाना जाता है। वे महाराष्ट्र के प्रभावशाली शख्स माने जाते हैं। सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे तो इनका सम्मान करते ही हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संभाजी भिड़े का बहुत आदर करते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और शिवसेना के बीच आई खटास को दूर करने के लिए भिड़े गुरुजी खुद मातोश्री आए थे। सूत्र बताते हैं कि जब भिड़े गुरुजी वहां पहुंचे तो उद्धव ठाकरे वहां मौजूद नहीं थे और उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। जिसके बाद गुरुजी शिवसेना नेता और एमएलसी अनिल परब से मिले और स्थितियों को लेकर चर्चा की। अनिल परब ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उद्धव ठाकरे से बात करेंगे और शिवसेना प्रमुख उनसे कब मिल सकते हैं इस बात की जानकारी उन्हें दे देंगे।  भिड़े गुरुजी शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्थान नाम का संगठन चलाते हैं। 

उद्धव को तीन बार किया कॉल

सरकार गंवाने को लेकर चालू उल्टीगिनती के बीच संभाजी भिड़े के सक्रिय होने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने खुद ही शिवसेना प्रमुख से संपर्क साधने की कोशिश की। बीजेपी से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को तीन बार फोन किया, लेकिन उद्धव ठाकरे ने समर्थन मांग रहे महाराष्ट्र के सीएम से एक बार भी बात नहीं की।

बताया यह कारण

देवेंद्र फडणवीस की ओर से पहली बार जब उद्धव ठाकरे से बात करने के लिए फोन किया गया तो कहा गया कि उद्धव ठाकरे दूसरे कॉल पर किसी से बात कर रहे हैं। इस तरह से ये कॉल खत्म हो गया। फिर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दूसरी बार कोशिश की और शिवसेना प्रमुख को फोन लगाया। लेकिन इस बार देवेंद्र फडणवीस को जवाब मिला कि उद्धव ठाकरे आराम कर रहे हैं। महाराष्ट्र सीएम ने उद्धव ठाकरे को तीसरी बार भी कॉल किया तो इस बार कहा गया कि उद्धव सीएम से खुद बात करेंगे। एक सप्ताह के दरम्यान में उद्धव को सीएम फडणवीस की ओर से तीन बार कॉल गया। लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं हो सकी। 

शिवसेना के रुख का इंतजार

सूत्रों की माने तो बीजेपी ने उद्धव तक पहुंचने के सभी विकल्पों को आजमा कर देख लिया है। अब सरकार गठन के लिए बीजेपी शिवसेना के प्रस्ताव का इंतजार कर रही है। इधर शिवसेना अभी भी कह रही है महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी का होना चाहिए, लेकिन बीजेपी सीएम पद पर किसी तरह का समझौता नहीं करना चाह रही है। 

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