महाराष्ट्र में हाहाकारः कहीं रिक्शा में आक्सीजन लेने को मजबूर तो कहीं बेटा दो दिनों से एंबुलेंस में भटक रहा

महाराष्ट्र में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। सरकारी दावें फिसड्डी साबित हो रही हैं। लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे। अस्पतालों में व्यवस्था नहीं है। अस्पतालों में न बेड मिल रहा न ही दवाइयों की व्यवस्था है। सरकारी हो या निजी अस्पताल हर जगह मरीजों से फुल हो चुका है। राज्य के कोने-कोने से अव्यवस्था से मौतों की खबरें दहशत पैदा कर रही हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 14, 2021 5:48 PM IST / Updated: Apr 14 2021, 11:34 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। सरकारी दावें फिसड्डी साबित हो रही हैं। लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे। अस्पतालों में व्यवस्था नहीं है। अस्पतालों में न बेड मिल रहा न ही दवाइयों की व्यवस्था है। सरकारी हो या निजी अस्पताल हर जगह मरीजों से फुल हो चुका है। राज्य के कोने-कोने से अव्यवस्था से मौतों की खबरें दहशत पैदा कर रही हैं।

महिला को नहीं मिला बेड तो Auto में दिया गया आक्सीजन

महाराष्ट्र के सतारा में एक 88 वर्षीय महिला कोविड से संक्रमित हो गई। महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन उनको लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई बेड खाली नहीं मिला। महिला सतारा के सरकारी ग्रामीण अस्पताल में भर्ती होने के लिए गई थीं। महिला की हालत खराब होते देख उनको आॅटो रिक्शा मेें ही आक्सीजन दिया गया।

गंभीर बीमार व्यक्ति की अस्पताल के चक्कर में जान गई

अहमदनगर में एक व्यक्ति की हालत बिगड़ गई। वह कई अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। परिजन उनको भर्ती कराने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में घूमते रहे लेकिन सभी अस्पताल कोविड मरीजों से फुल मिले। किसी अस्पताल में उनको एक अदद बेड न मिल सका न ही कोई इलाज हो सका। कार में अस्पताल-अस्पताल दौड़ते-दौड़ते ही दम तोड़ दिया। 

दो दिनों से एंबुलेंस में पिता को लेकर घूम रहा बेटा

चंद्रपुर का रहने वाला एक युवक गंभीर रुप से बीमार अपने पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दो दिनों से भटक रहा। एंबुलेंस में दो दिनों से पिता को लेकर भटक रहे बेटे को किसी भी अस्पताल में एक बेड तक नसीब नहीं हो पा रहा। बेटे ने कहा कि अगर मेरे पिता को बेड या आक्सीन नहीं उपलब्ध हो सकता तो उनकी हालत और बिगड़ जाएगी। 
 

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