शिवसेना की तरफ से जिस प्रकार से शब्दभेदी बाण चलाए जा रहे है उससे साफ है कि दोनों दलों के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में शिवसेना को डर है कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ सकती है। जानकारी के मुताबिक शिवसेना अपने विधायकों को दूसरे होटल में शिफ्ट कर रही है।
मुंबई. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की तकरार अब अपने चरम पर है। दोनों के बीच जारी गठबंधन के विश्वास की डोर अब कमजोर होती नजर आ रही है। जिसके कारण शिवसेना अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हर कवायद कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी ने अब अपने विधायकों को मुंबई से हटाकर दूसरे होटल करने की तैयारी कर रही है। शिवसेना की तरफ से जिस प्रकार से शब्दभेदी बाण चलाए जा रहे है उससे साफ है कि दोनों दलों के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में शिवसेना को डर है कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ सकती है। वहीं, कांग्रेस अपने विधायकों का जयपुर भेज रही है।
आधी रात होटल पहुंचे आदित्य
शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे देर रात मुंबई के रंग शारदा होटल पहुंचे। इस होटल में शिवसेना के विधायकों को ठहराया गया है। विधायकों के टूटने का डर झेल रही शिवसेना ने गुरुवार को अपने विधायकों को मुंबई के रंग शारदा होटल में रहने के लिए भेजा दिया था। लेकिन शिवसेना का डर अब और बढ़ गया है। जिसके कारण आदित्य ठाकरे रात लगभग 11 बजे अपने अपने घर से कार ड्राइव कर होटल रंग शारदा पहुंचे। आदित्य ठाकरे के साथ ही शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम और एकनाथ शिंदे भी एक बार फिर से होटल रंग शारदा पहुंच गए। यहां पर तीनों नेताओं ने लगभग 90 मिनट तक अपने विधायकों के साथ बातचीत की। रामदास कदम और एकनाथ शिंदे एक बार पहले ही होटल आए थे और पार्टी विधायकों से मुलाकात कर निकल चुके थे, लेकिन जैसे ही आदित्य यहां आए, दोनों नेता एक बार फिर से होटल पहुंच गए। जिसके बाद लगभग डेढ़ घंटे तक तीनों नेताओं ने विधायकों से बातचीत की। लगभग पौने एक बजे रात आदित्य होटल से बाहर निकले।
इसलिए होटल भेजा है विधायकों को
शिवसेना ने अपने विधायकों को भले ही होटल भेज दिया हो, लेकिन पार्टी इसके पीछे खरीद-फरोख्त से इतर दूसरा तर्क दे रही है। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विधायक मुंबई से बाहर के हैं, और उनके रहने के लिए जगह नहीं है, इसलिए उन्हें कहीं तो रखा जाना चाहिए था, इसलिए उन्हें होटल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई फैसला लेना होगा तो उद्धव ठाकरे को उन सभी से एक साथ बात करनी होगी, इसलिए एक स्थान पर विधायकों से बात करने में आसानी होगी.
विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती
महाराष्ट्र में शिवसेना के सामने अपने विधायकों को एक रखने की चुनौती है। शिवसेना बीजेपी का नाम लिए बिना हॉर्स ट्रे़डिंग का आरोप लगा चुकी है। शिवसेना ने कहा था कि कुछ लोग थैली की भाषा बोल रहे हैं। आपको बता दें कि 9 नवंबर महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल का आखिरी दिन है। इस लिहाज से देवेन्द्र फडणवीस को 9 तारीख से पहले सीएम पद की शपथ लेनी होगी। ऐसा न होने पर उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।