महाराष्ट्र राज्य परिवहन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नौबत यहां तक आ गई है कि भुगतान न होने के कारण एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। सरकार ने ऋण लेने और वेतन का भुगतान करने के लिए बस डिपो के परिसर को गिरवी रखने की योजना बनाई है।
मुंबई. महाराष्ट्र राज्य परिवहन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नौबत यहां तक आ गई है कि भुगतान न होने के कारण एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। सरकार ने ऋण लेने और वेतन का भुगतान करने के लिए बस डिपो के परिसर को गिरवी रखने की योजना बनाई है।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारी यूनियनों ने तीन महीने के वेतन के भुगतान की अपनी मांग को लेकर सोमवार से राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कर्मचारी अपने पूरे परिवार के साथ अपने घर पर एक प्रतीकात्मक भूख हड़ताल पर जाएंगे। वे इस बात से नाराज हैं कि परिवहन मंत्री अनिल परब के आश्वासन के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 98,000 से अधिक कर्मचारी अगस्त के बाद से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं।
30 साल के मनोज अनिल चौधरी ने कर ली थी आत्महत्या
एमएसआरटीसी का एक कर्मचारी ने पैसे की कमी के चलते आत्महत्या कर ली थी। वह जलगांव में अपने घर पर मृत पाया गया। घटना का पता सोमवार सुबह चला। कथित तौर पर उस व्यक्ति ने जलगांव में अपने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी। जलगांव डिपो में काम करने वाले मनोज अनिल चौधरी (30) ने एक सुसाइड नोट में कहा है कि उसने एसटी निगम में कम वेतन और अनियमितताओं के कारण कठोर कदम उठाया है।
उसने लिखा, मेरे परिवार का मेरी आत्महत्या से कोई लेना देना नहीं है।
एमएसआरटीसी ने राज्य सरकार से मांगे थे 3600 करोड़ रुपए
30 अक्टूबर को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने वेतन और अन्य आवश्यक खर्चों के भुगतान के लिए राज्य सरकार से 3,600 करोड़ रुपए की मांग की। वेतन भुगतान के लिए MSRTC को हर महीने 292 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।