SAARC समिट के लिए यह सही वक्त नहीं, मालदीव ने पाकिस्तान को दिया झटका

SAARC देशों  की बैठक में यह तय किया गया कि अभी इसके सम्मेलन के लिए फैसला करना सही नहीं होगा, क्योंकि कोविड-19 का संकट खत्म नहीं हुआ है। इससे SAARC समिट अपने यहां आयोजित करने के पाकिस्तान के सपने को झटका लगा है। इस मामले पर विदेश मंत्रियों की बैठक में मालदीव ने भारत का साथ दिया।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 7:21 AM IST

नई दिल्ली। SAARC देशों  की बैठक में यह तय किया गया कि अभी इसके सम्मेलन के लिए फैसला करना सही नहीं होगा, क्योंकि कोविड-19 का संकट खत्म नहीं हुआ है। इससे SAARC समिट अपने यहां आयोजित करने के पाकिस्तान के सपने को झटका लगा है। इस मामले पर विदेश मंत्रियों की बैठक में मालदीव ने भारत का साथ दिया। मालदीव ने कहा है कि अभी कोरोना वायरस की महामारी से निपटने की कोशिश की जा रही है और यह समय समिट का वक्त तय करने का नहीं है। SAARC काउंसिल की गुरुवार को हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई। फिलहाल, 19वां सार्क समिट कराने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।

क्या है मालदीव का रुख
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि यह समय पाकिस्तान के SAARC समिट की मेजबानी करने का नहीं है। बैठक में कई देशों का यह मानना था कि अभी यह सही मौका नहीं है कि सार्क समिट के लिए चर्चा की जाए। इस समिट के लिए पाकिस्तान की मेजबानी का प्रस्ताव सहमति नहीं बन पाने के कारण गिर गया।

भारत ने पहले भी किया था बहिष्कार
पाकिस्तान 2016 से सार्क समिट की मेजबानी करने की कोशिश में लगा है। दरअसल, 2016 के बाद भारत ने उरी, पठानकोट और पुलवामा के आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में सार्क समिट के आयोजन का बहिष्कार करने का फैसला किया था। भारत ने कहा कि समिट के लिए पाकिस्तान को सही माहौल बनाना बड़ेगा। यही बात मालदीव ने भी दोहराई।

क्या कहा भारत के विदेश मंत्री ने 
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद, संपर्क और व्यापार को रोकना ऐसी चीजें हैं, जिनसे सार्क को उबरना है। इसके बाद ही दक्षिण एशिया में शांति, संपन्नता और सुरक्षा संभव है। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भाषण में कश्मीर का नाम नहीं लिया। इसे एक खास बात माना जा रहा है। 
 

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