माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में हैं। उस पर प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों से लिए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्रवाई भी चल रही है।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि विजय माल्या शीर्ष न्यायालय में लंबित अपनी याचिका का इस्तेमाल अन्य न्यायाधिकार क्षेत्रों में उनके खिलाफ शुरू की गई दिवालिया कार्रवाई पर रोक के लिए नहीं कर सकते हैं।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि माल्या ने ब्रिटेन की अदालत में दिवालिया कार्रवाई में फैसला सुनाने से रोकने के लिए अपनी लंबित याचिका का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश पारित किया।
ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्रवाई-
माल्या ने 27 जून को शीर्ष अदालत से उसकी और उसके संबंधियों की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में हैं। उस पर प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों से लिए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्रवाई भी चल रही है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)