प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के सीएम और इनके 54 जिलों के डीएम के साथ गुरुवार को कोरोना महामारी को लेकर बैठक की। आमतौर पर केंद्र की बैठकों का बहिष्कार करने वालीं प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसमें शामिल हुईं। हालांकि, इस बैठक के बाद उन्होंने केंद्र पर ही गंभीर आरोप लगा डाले।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के सीएम और इनके 54 जिलों के डीएम के साथ गुरुवार को कोरोना महामारी को लेकर बैठक की। आमतौर पर केंद्र की बैठकों का बहिष्कार करने वालीं प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसमें शामिल हुईं। हालांकि, इस बैठक के बाद उन्होंने केंद्र पर ही गंभीर आरोप लगा डाले।
इस बैठक में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, आंध्रप्रदेश और राजस्थान के अफसरों ने अपनी बात रखी। वहीं, प बंगाल के 24 नॉर्थ परगना के डीएम को भी इसमें बोलना था। लेकिन ममता ने इसे कैंसल करा दिया। इसके बाद ममता ने बैठक के बाद कहा कि बैठक में सभी सीएम को पुतले की तरह से बिठाकर रखा गया, किसी को बोलने का मौका नहीं दिया गया।
ममता पहले भी करती रहीं हैं केंद्र की बैठकों का बहिष्कार
ममता ने लगाए केंद्र पर आरोप
उधर, मीटिंग के बाद ममता बनर्जी ने कहा, अपनी नाराजगी जाहिर की है। ममता बनर्जी ने कहा कि बैठक में सभी सीएम को पुतले की तरह से बिठाकर रखा गया, किसी को बोलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, पीएम मोदी ने ऑक्सिजन और ब्लैक फंगस की समस्या को लेकर कुछ भी नहीं पूछा। पीएम ने वैक्सीन के बारे में भी हमसे कुछ नहीं पूछा। हम इस व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं। ममता ने कहा, यदि राज्यों को बोलने की अनुमति नहीं थी तो उन्हें क्यों बुलाया गया। बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करना चाहिए।