इंफाल। मणिपुर में पिछले दिनों नदी में एक परिवार के छह लोगों की लाशें तैरती मिली थीं। मारा गया यह परिवार मैतेयी समुदाय से था। आरोप है कि सभी को जिरीबाम जिले में कुकी-जो उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था। बाद में इनकी हत्या कर दी गई।
सिलचर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सभी छह लोगों के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आए हैं वे बेहद खौफनाक हैं। उग्रवादियों ने बेहद निर्मम तरीके से बंधकों को मारा था। 10 महीने से नवजात बच्चे की दोनों आंखें निकाल दी थी। उसके सिर को काटकर धर से अलग कर दिया गया। शव पर चाकू से कई जगह काटे जाने के जख्म मिले हैं।
बच्चे का नाम लैश्राम लामंगनबा था। 17 नवंबर को बच्चे का शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाया गया था। मरते वक्त बच्चा टी-शर्ट और बनियान पहने हुए था। उसका शव सड़ी-गली अवस्था में था।
इसके अलावा आठ साल की तेलेन थाजांगनबी नाम की लड़की के शव में गोलियों के कई जख्म मिले। उसके पेट में कई गोलियां लगी थी। 31 साल की महिला तेलेम थोइबी को भी गोली मारी गई थी। गोली लगने से सिर की हड्डियां क्षतिग्रस्त हो गईं थी और झिल्ली गायब हो गई थी।
बुधवार को महिला, लड़की और नवजात बच्चे का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया। कुछ दिनों पहले इसी परिवार के तीन अन्य सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई थी। इनके शव बराक नदी से बरामद किए गए थे। यह नदी मणिपुर के जिरीबाम जिले से दक्षिण असम के कछार तक बहती है।
परिवार के तीन अन्य सदस्यों की पिछली पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी खतरनाक थी। 3 साल के चिंगखेंगनबा सिंह, 25 साल की एल हेतोनबी देवी और 60 साल की वाई रानी देवी को गोली मारी गई थी। चिंगखेंगनबा की दाहिनी आंख गायब थी। उसके सिर में गोली लगने का घाव था। उनके बांह हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों को काटा गया था। छाती में फ्रैक्चर और घाव के निशान थे।
एल हेतोनबी देवी के सीने में तीन और कूल्हे में एक गोली मारी गई थी। उनकी मौत के सात दिन बाद 18 नवंबर को उनका शव एसएमसीएच को मिला था। बच्चे की दादी वाई रानी देवी को पांच गोलियां मारी गईं थी। एक गोली खोपड़ी में, दो छाती में, एक पेट में और एक हाथ में लगी थी। उसकी मौत के तीन से पांच दिन बाद 17 नवंबर को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया।