सुरक्षा बलों ने अब तक 13 शव बरामद किए हैं, उनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा लगातार जारी है। हिंसाग्रस्त राज्य टेंग्नौपाल जिले में सोमवार को दो ग्रुप्स के बीच भयानक गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई है। यह वारदात लीथू गांव में सोमवार की दोपहर की है।
म्यांमार जा रहे थे उग्रवादी, नहीं हुई पहचान
टेंग्नौपाल जिले में दो ग्रुप्स के बीच हुई गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों की पहचान नहीं हो सकी है। आशंका जताई जा रही है कि मारे गए सभी उग्रवादी थे और म्यांमार जा रहे थे। टेंग्नौपाल जिले के एक अधिकारी ने बताया कि म्यांमार जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर इलाके में प्रभुत्व रखने वाले विद्रोहियों के एक अन्य समूह ने घात लगाकर हमला किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने अब तक 13 शव बरामद किए हैं, उनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे स्थानीय नहीं हैं।
क्या है मणिपुर हिंसा की घटना?
मणिपुर में 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस हिंसा में कई सौ लोग घायल हो चुके हैं। यह हिंसा तक शुरू हुई, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति को दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है। वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
उधर, मणिपुर हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक्शन के बाद CBI ने जांच के लिए देश भर में अपनी यूनिट से 29 महिलाओं सहित 53 अधिकारियों को नियुक्त किया है। इस टीम में तीन DIGs-लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता के अलावा SP राजवीर शामिल हैं, जो ज्वाइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय को रिपोर्ट करेंगे। उपाध्याय ओवरऑल जांच की निगरानी करेंगे।
यह भी पढ़ें:
Cyclone Michaung के चलते चेन्नई में भारी बारिश, एयरपोर्ट में भारी जलजमाव, सारी फ्लाइट्स रद्द