Manipur Free movement: मणिपुर में शांति बहाली को झटका, महिला प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, आगजनी, हिंसक झड़प, मौत

Published : Mar 08, 2025, 10:27 PM ISTUpdated : Mar 08, 2025, 10:29 PM IST
Manipur Violence

सार

मणिपुर (Manipur) में कुकी (Kuki) प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में एक युवक की मौत। Free Movement के विरोध में Kuki-Zo Council ने अनिश्चितकालीन बंद (Indefinite Shutdown) घोषित किया। 

Manipur violence: मणिपुर (Manipur) में शनिवार को सुरक्षा बलों और कुकी (Kuki) प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों ने जमकर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं सुरक्षा बलों से मोर्चा ली थीं। यह घटना तब हुई जब राजधानी इम्फाल (Imphal) से अन्य जिलों की ओर बसों का काफिला रवाना हुआ जिसे केंद्र सरकार ने राज्य में मुक्त आवाजाही (Free Movement) सुनिश्चित करने के आदेश के तहत भेजा था।

महिलाओं ने किया हाईवे ब्लॉक, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

यह संयोग ही है कि जब पूरा देश महिला दिवस मनाने में व्यस्त था तो अपने हक और हकूक के लिए पूर्वोत्तर शहर इम्फाल से 45 किमी दूर कांगपोकपी (Kangpokpi) में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर थीं। इन महिलाओं ने बसों को रोकने के लिए हाईवे जाम कर दिया। बड़ी संख्या में महिला प्रदर्शनकारियों को सड़क पर से हटाने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया लेकिन भीड़ ने बसों को आगे बढ़ने नहीं दिया।

पुलिस के बल प्रयोग से गुस्साए कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। कुछ ने वाहनों में तोड़फोड़ की और एक बस को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने सख्ती दिखाते हुए फायरिंग भी की। इस झड़प में काफी संख्या में आंदोलनकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए। दो पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बतायी जा रही है। उधर, कुकी सिविल सोसाइटी ग्रुप्स (Kuki Civil Society Groups) का दावा है कि एक युवक की गोलियों से मौत हुई है।

कुकी समाज ने किया 'अनिश्चितकालीन बंद' का ऐलान

सुरक्षा बलों की कार्रवाई से कुकी समाज में काफी गुस्सा है। कुकी-जो काउंसिल (Kuki-Zo Council - KZC) ने प्रभावित क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन बंद (Indefinite Shutdown) का ऐलान किया है। KZC के चेयरमैन हेनलियानथांग थांगलेट (Henlianthang Thanglet) ने कहा कि जब तक कुकी-जो समुदाय के लिए राजनीतिक समाधान नहीं निकलता, तब तक सरकार के 'Free Movement' प्लान का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम मेइती (Meitei) समुदाय के लोगों को बफर जोन पार करने की गारंटी नहीं दे सकते और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी नहीं लेंगे।

चुराचांदपुर में शांति, कांगपोकपी में बवाल

चुराचांदपुर (Churachandpur) जाने वाली बसों को कोई बाधा नहीं मिली और वे सुरक्षित पहुंच गईं। ये बसें मेइती बहुल बिष्णुपुर (Bishnupur) से होते हुए कांगवई (Kangvai) पहुंचीं, जहां किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई।

मणिपुर दो साल से जारी जातीय हिंसा

मेइती (Meitei) और कुकी (Kuki) समुदायों के बीच संघर्ष मई 2023 से जारी है। भूमि अधिकार (Land Rights) और राजनीतिक प्रतिनिधित्व (Political Representation) को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है। अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं।

'1947 से अलग राज्य की मांग'

विश्व कुकी-जो इंटेलेक्चुअल काउंसिल (World Kuki-Zo Intellectual Council - WKZIC) ने 15 जनवरी को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा कि कुकी 1946-47 से अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। मई 2023 से पहले भी कुकी संगठनों ने 'Kukiland' की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन और चर्चाएं की हैं।

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