मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले के रहने वाले सेना के जवान सर्टो थांगथांग काेम छुट्टी पर घर आए थे।
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के एक गांव में छुट्टी पर गए जवान की हमलावरों ने घर से अपहरण करके उसकी हत्या कर दी। रविवार को आर्मी जवान का शव बरामद हुआ। शनिवार की रात में पश्चिमी इंफाल जिले में जवान का उनके घर से अपहरण कर लिया गया था। अपहर्ताओं ने सेना के जवान के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी।
अपहरण और हत्या की क्या है पूरी घटना?
मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले के रहने वाले सेना के जवान सर्टो थांगथांग कोम छुट्टी पर घर आए थे। कोम, पश्चिमी इंफाल के तरुंग के रहने वाले थे। उनकी पोस्टिंग मणिपुर के ही कांगपोकपी जिले के लीमाखोंग में सेना की डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स (DSC) प्लाटून में सिपाही के तौर पर थी।
शनिवार की शाम को उनके घर पर कुछ हथियारबंद लोगों ने उनके घर पर हमला किया। घर पर जवान सर्टो थांगथांग काम और उनका दस साल का बेटा मौजूद थे। दोनों बरामदा में कोई काम कर रहे थे। हथियारबंद हमलावरों ने जवान का घर से अपहरण कर लिया। इस अपहरण से पूरे गांव में सनसनी मच गई। थांगथांग काम के दस साल के बेटे ने बताया कि तीन लोग उनके घर में दाखिल हुए और उनके पिता के कनपटी पर पिस्तौल लगा दिया। इसके बाद वह अपने साथ एक सफेद गाड़ी पर जबरिया उठाकर ले गए। अपहर्ताओं ने सर्टो थांगथांग काम का अपहरण कर हत्या कर दिया। इसके बाद उसका शव फेंक दिया। रविवार की सुबह जवान का शव बरामद हुआ। शव इंफाल पूर्व में खुनिंगथेक गांव में मिला। उसके भाई और बहनोई ने उसकी पहचान की। उन्होंने बताया कि जवान के सिर पर एक गोली का घाव था। मृतक जवान के परिवार में उसकी पत्नी, बेटी और बेटा हैं।
मणिपुर, मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा की आग में झुलस रहा है। 3 मई को शुरू हुई हिंसा अभी तक जारी है। इस हिंसा में कम से कम पौने दो सौ लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। राज्य सरकार के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 1108 लोग घायल हैं जबकि 32 अभी भी लापता हैं। मोर्चरी में अभी भी 96 लावारिस लाशें शवगृह में अपनों की राह देख रही।
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