मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस समय पूरे देश में 553.9 मिलीमीटर की बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। आमतौर पर इस दौरान 550.8 मिलीमीटर बारिश होती है।
नई दिल्ली. इस बार देश पर मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गया है। दक्षिण भारत भारी बारिश के कारण जलमग्न हो गया है। चारों तरफ पानी-पानी ही नजर आ रहा है। देश के करीब 9 राज्य बाढ़ की चपेट में हैं। केरल से कर्नाटक तक और गुजरात से महाराष्ट्र तक प्रकृति ने कोहराम मचा रखा है। मूसलाधार बारिश की वजह से दक्षिण भारत समेत पश्चिमी राज्यों में भी चीखपुकार मची हुई है। देश के 9 राज्यों में बाढ़ से अब तक 221 लोग जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग लापता हैं।
केरल में सबसे ज्यादा मौते हुईं
केरल में पिछले साल भी बाढ़ ने जानलेवा तबाही मचाई थी। इस बार भी केरल सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। लोगों की मौत के आंकड़ा 72 पहुंच गया है, जबकि 58 लोग लापता हैं। वहीं मलप्पुरम में भूस्खलन से अब तक 11 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। केरल में वायनाड बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं।
कर्नाटक में मौत का आंकड़ा 40
कर्नाटक के बेलगावी में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब तक 40 हो चुकी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बाढ़ प्रभावित कर्नाटक के इलाकों का हवाई दौरा किया था।
महाराष्ट्र के 761 गांव पानी-पानी
महाराष्ट्र में 761 गांव बाढ़ से जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ के चलते 200 से ज्यादा रोड और 90 ब्रिज बंद कर दिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य में 226 नौकाओं और 105 रेस्क्यू टीम को लगाया गया है। अब तक 5 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। महाराष्ट्र के सांगली में सेना के जवान लोगों को बचाने और राहत सामग्री पहुंचाने में दिन-रात जुटे हैं। जबकि गुजरात में नर्मदा नदी पर बना गरुड़ेश्वर बांध भर चुका है। उससे छोड़ा जा रहा पानी निचले इलाकों में तबाही मचा रहा है। वहीं सूरत की सूरत भी बाढ़ ने बिगाड़ रखी है।
इन राज्यों में भी बाढ़ का कहर जारी
केरल और कर्नाटक के अलावा बाढ़ से उत्तराखंड में 26 और गुजरात में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। तमाम एजेंसियों के सामने हालात सामान्य बनाने की बड़ी चुनौती है। जहां तक सेना, नौसेना और वायुसेना की भूमिका है, तो वो लगातार जिंदगी बचाने में जुटे हैं। केरल में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से 1000 किलो से भी ज्यादा की राहत सामग्री गिराई जा चुकी है। वायुसेना के MI 17 हेलीकॉप्टर लगातार मल्लपुरम के चक्कर लगा रहे हैं।