गुजरात के भरूच से भाजपा के सांसद और आदिवासी नेता मनसुख वसावा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले ही वासवा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर नर्मदा जिले के 121 गांवों को सेंसेटिव ईको जोन घोषित करने के लिए एमओईएफसीसी अधिसूचना को वापस लेने की मांग की थी।
नई दिल्ली. गुजरात के भरूच से भाजपा के सांसद और आदिवासी नेता मनसुख वसावा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले ही वासवा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर नर्मदा जिले के 121 गांवों को सेंसेटिव ईको जोन घोषित करने के लिए एमओईएफसीसी अधिसूचना को वापस लेने की मांग की थी।
बजट सत्र के दौरान सोपेंगे इस्तीफा
गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटील को लिखे पत्र में वासवा ने कहा कि वह आगामी बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा संसद सदस्य को सौंपेंगे।
पार्टी को नुकसान न हो, इसलिए इस्तीफा
उन्होंने कहा, पार्टी ने मुझे अपनी क्षमता से अधिक मौके दिए। मैं इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व का हमेशा आभारी रहूंगा। मैं पार्टी के सिद्धांतों के साथ-साथ अपने विश्वास को बनाए रखा। मेरी गलतियों से पार्टी को नुकसान न हो, इसलिए मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे माफ कर दें। मैं आगामी बजट सत्र के दौरान माननीय लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपूंगा।
इस्तीफे की वजह साफ नहीं हुई
हालांकि उनके पार्टी छोड़ने और इस्तीफा देने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। मगर बताया जाता है कि पार्टी ऐसा ना करने के लिए मनाने की कोशिश करेगी। वसावा पहली बार 25 नवंबर 1998 में गुजरात के भरूच संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव में 12वीं लोकसभा के लिए चुनाव जीते थे।