बिहार: वाम दलों की अगुआई में किसानों का मार्च, पुलिस ने रोका तो झड़प के बाद लाठीचार्ज

पटना में हजारों किसानों ने मंगलवार को राजभवन तक मार्च किया। मार्च के दौरान नए कृषि कानूनों को खत्म करने और देश के कई हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया गया। पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान से मार्च की शुरुआत हुई, लेकिन पुलिस ने डाक बंगले चौक पर रोक दिया। पुलिस ने बैरिकेड्स और डंडों का इस्तेमाल किया, जिससे झड़प हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2020 9:13 AM IST / Updated: Dec 29 2020, 02:48 PM IST

पटना. यहां हजारों किसानों ने मंगलवार को राजभवन तक मार्च किया। मार्च के दौरान नए कृषि कानूनों को खत्म करने और देश के कई हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया गया। पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान से मार्च की शुरुआत हुई, लेकिन पुलिस ने डाक बंगले चौक पर रोक दिया। पुलिस ने बैरिकेड्स और डंडों का इस्तेमाल किया, जिससे झड़प हुई। 

पटना में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से मार्च निकाला गया।

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व मुख्य रूप से विभिन्न वाम दलों और यूनियनों के सदस्यों ने किया। बता दें कि 10 हजार से ज्यादा किसान नई दिल्ली के पास एक महीने से डेरा डाले हुए हैं और नए कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। 

30 दिसंबर को होगी बातचीत
किसान और सरकारों के बीच 7वें दौर की बातचीत 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से होगी। इससे पहले किसानों और सरकार के बीच 6 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला।

किसानों ने शरद पवार से मुलाकात की
महाराष्ट्र में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़ें किसानों ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। ये किसान सिंघु बॉर्डर और पलवल पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। मुलाकात के बारे में किसानों ने बताया, अगर 30 तारीख तक हल नहीं निकाला तो तमाम विपक्ष की पार्टियों के साथ बैठक कर किसानो के पक्ष में खड़े रहेंगे।

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