महबूबा मुफ्ती ने बताया उद्वव सरकार को बीजेपी-शिवसेना के बागियों नहीं, इन लोगों की वजह से गिरी...

अमरनाथ यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा उपायों के कारण लोगों को होने वाली कथित कठिनाइयों के बारे में एक सवाल के जवाब में, महबूबा ने कहा कि तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर के लोगों के मेहमान हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति से स्थानीय लोगों को नुकसान नहीं होना चाहिए। 

श्रीनगर। महाराष्ट्र (Maharashtra Political Crisis) में राजनीतिक उठापटक व परिवर्तन पर विपक्ष लगातार बीजेपी को निशाना बना रहा है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व सीएम व पीडीपी अध्यक्ष (PDP President) महबूबा मुफ्ती ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार गिराने का श्रेय बीजेपी को न देकर ईडी और सीबीआई को दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को भाजपा या शिवसेना के बागियों ने नहीं गिराया है बल्कि ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों ने यह काम किया है।

बीजेपी के इशारे पर चल रहीं केंद्रीय जांच एजेंसियां

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उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के पतन के बारे में पूछे जाने पर महबूबा (Mehbooba Mufti) ने कहा कि भाजपा या एकनाथ शिंदे ने कुछ उल्लेखनीय नहीं किया। महाराष्ट्र में सरकार गिराने का श्रेय सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को जाना चाहिए। तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन संस्थानों को देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए, वे भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज शिंदे के साथ 50 से 60 लोग हैं और (एमवीए) सरकार वहां (महाराष्ट्र में) गिरती है।

तीर्थयात्री यहां के मेहमान, स्थानीय लोगों का न हो नुकसान

अमरनाथ यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा उपायों के कारण लोगों को होने वाली कथित कठिनाइयों के बारे में एक सवाल के जवाब में, महबूबा ने कहा कि तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर के लोगों के मेहमान हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति से स्थानीय लोगों को नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम तीर्थयात्रियों को गर्मजोशी से आतिथ्य प्रदान करें, लेकिन हमें उन लोगों के बारे में सोचना होगा जो प्रभावित हो रहे हैं। ट्रांसपोर्टर पीड़ित हैं और इसलिए फल और सब्जियों जैसी खराब होने वाली वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यवसायी भी हैं।

महबूबा ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिकायतों का संज्ञान लिया है, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन समस्याओं के समाधान के संबंध में उनके द्वारा जारी किए गए आदेशों का जमीनी स्तर पर सम्मान किया जाए।

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