अभिनंदन वर्धमान का MiG-21 squadron होगा रिटायर, बाकी बचे तीन स्क्वाड्रन भी होंगे जल्द खत्म

विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्थमान ने 27 फरवरी, 2019 को नियंत्रण रेखा पर डॉगफाइट के दौरान एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 

Dheerendra Gopal | Published : Sep 19, 2022 11:23 AM IST / Updated: Sep 20 2022, 12:35 AM IST

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान का मिग-21 स्क्वाड्रन रिटायर होगा। अभिनंदन का स्क्वाड्रन 30 सितंबर को एयरफोर्स से रिटायर हो रहा है। अभिनंदन का स्क्वाड्रन, भारतीय वायु सेना के पुराने मिग -21 लड़ाकू जेट के चार शेष स्क्वाड्रनों में से एक स्क्वाड्रन हैं। 2019 में अभिनंदन ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया था और उनको वीर चक्र से नवाजा गया था। वायुसेना ने एफ -16 लड़ाकू विमान को बालाकोट हमले के एक दिन बाद मार गिराया था।

चरणबद्ध तरीके से रिटायर होंगे पुराने मिग-21 के स्क्वाड्रन्स

'स्वॉर्ड आर्म्स' पुराने हो रहे मिग-21 लड़ाकू विमानों के उसके बचे हुए चार स्क्वाड्रनों में से एक है। तय प्रोग्राम के अनुसार नंबर 51 स्क्वाड्रन को सितंबर के अंत तक रिटायर किया जाएगा। अभिनंदन के स्क्वाड्रन को रिटायरमेंट के बाद मिग-21 के शेष तीन स्क्वाड्रनों को 2025 तक चरणबद्ध रिटायरमेंट कर दिया जाएगा।

मिग-21 पिछले कुछ सालों से लगातार हो रहे क्रैश

मिग-21 जेट को चार दशक पहले भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इन विमानों में अधिकतर क्रैश हो गए। सोवियत काल के इन रूसी फाइटर जेट्स पिछले कई सालों से क्रैश और पायलट्स की मौत के कारण सुर्खियों में रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ इन विमानों के ओवरएज होना क्रैश की वजह मान रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय के रिपोर्ट्स से यह पता चलता है कि नए फाइटर जेट्स भी क्रैश हो रहे हैं।

नंबर 51 स्क्वाड्रन को स्वॉर्ड आर्म्स के नाम से भी जाना जाता

श्रीनगर स्थित नंबर 51 स्क्वाड्रन को 'स्वॉर्ड आर्म्स' के रूप में भी जाना जाता है। नंबर 51 स्क्वाड्रन या 'स्वॉर्ड आर्म्स' भारतीय वायुसेना के डेकोरेटेड स्क्वाड्रनों में से एक है। इसने 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर (कारगिल संघर्ष) के दौरान भाग लिया था। इसके प्रभावी योगदान के लिए एक वायु सेना पदक और तीन मेंशन-इन-डिस्पैच से सम्मानित किया गया था। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान इस स्क्वाड्रन को कश्मीर घाटी के एयर डिफेंस की जिम्मेदारी थी। स्क्वाड्रन को 1985 में चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था। 

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