दिल्ली हिंसा पर मंत्री ने दिया शर्मनाक बयान, कहा- दंगे होते रहे हैं, पहले भी होते थे

दिल्ली हिंसा में 34 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। 4 दिनों में 45 से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज हो चुकी है। इतनी बुरी हालत के बीच हरियाणा सरकार के मंत्री और निर्दलीय विधायक रंजीत चौटाला ने शर्मनाक बयान दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 11:05 AM IST / Updated: Feb 27 2020, 05:39 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा में 34 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। 4 दिनों में 45 से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज हो चुकी है। इतनी बुरी हालत के बीच हरियाणा सरकार के मंत्री और निर्दलीय विधायक रंजीत चौटाला ने शर्मनाक बयान दिया है। उन्होंने कहा, कहा कि दंगे होते रहे हैं, पहले भी होते रहे हैं, ऐसा नहीं है। जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो पूरी दिल्ली जलती रही।

रंजीत चौटाला का पूरा बयान
रंजीत चौटाला ने कहा, दंगे होते रहे हैं। पहले भी होते रहे हैं, ऐसा नहीं है। जब इंदिरा गांधी की हत्‍या हुई तो पूरी दिल्‍ली जलती रही। यह तो पार्ट ऑफ लाइफ है, जो होते रहे हैं। सरकार मुस्‍तैदी से नियंत्रण कर रही है। कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसमें इतना इसलिए हुआ क्‍योंकि यह दिल्‍ली का मामला है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा जवाब
हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को चार हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।

कैसे हुई हिंसा की शुरुआत? 
शाहीनबाग में सीएए के विरोध में करीब 2 महीने से ज्यादा वक्त से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। रविवार की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, वह दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। वे भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने लिखा, सीएए के समर्थन में मौजपुरा में प्रदर्शन। मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने। कद बढ़ा नहीं करते। एड़ियां उठाने से। सीएए वापस नहीं होगा। सड़कों पर बीबियां बिठाने से।' भाजपा समर्थकों के सड़क पर उतरने के बाद मौजपुर चौराहे पर ट्रैफिक दोनों तरफ से बंद हो गया है। समर्थन में लोग सड़कों पर बैठ गए हैं। इसी दौरान सीएए का विरोध करने वाले और समर्थन करने वाले दो गुटों में पत्थरबाजी हुई। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई।

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