
नई दिल्ली। सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) योजना के लिए आवंटन में कोई कटौती नहीं की है। मंगलवार को केंद्रीय बजट-2022 (Budget-2022) के पेश होने के बाद लगातार आ रही कटौती की खबरों को केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार खारिज कर दिया है। श्री सोमनाथन ने बताया कि पिछले बजट में भी आवंटित 73000 करोड़ की धनराशि ही इस बार भी आवंटित की गई है।
क्यों हो रही है बजट कम किए जाने की बात
सोमनाथन ने बताया कि केंद्रीय बजट 2021-22 और केंद्रीय बजट 2022-23 से मनरेगा के बजट आवंटन एक समान हुए हैं। पिछली बार हमनें 73000 करोड़ रुपये आवंटिए किए थे और इस बार भी इतनी ही धनराशि आवंटित हुई है। उन्होंने दावा किया कि हमने मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ आवंटित किए थे लेकिन पूरक आवंटन में, हमने इसे बढ़ा दिया था। महामारी और राज्यों द्वारा मांग के कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूरक आवंटन कर 98,000 करोड़ रुपये कर दिए गए थे। 2022-23 के लिए हमने 73,000 करोड़ रुपये की समान राशि आवंटित की है क्योंकि हम मानते हैं कि इस बार स्थिति इतनी खराब नहीं दिख रही है जितनी हमने अप्रैल-मई 2021 देखी है। लेकिन हाँ अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है और मांग की जाती है मनरेगा आवंटन में वृद्धि, हम संशोधित अनुमान में आवंटन बढ़ा सकते हैं।
मनरेगा मांग के अनुसार संचालित होता
वित्त सचिव टीवी सोमनाथान ने कहा कि मनरेगा एक मांग-संचालित योजना है, जो किसी भी ग्रामीण परिवार को 100 दिनों के अकुशल काम की गारंटी देता है जो इसे चाहता है। श्री सोमनाथन ने बताया कि केंद्रीय बजट 2022-23 में पूंजीगत व्यय 35.4 प्रतिशत की तेजी से बढ़कर चालू वर्ष में 5.54 लाख करोड़ से 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ हो गया है, जो कि दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि है। उन्होंने कहा, ''इससे 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार राज्यों को हर जिले में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये देगी। यह बजट हमारी अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाएगा।
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