संसद में राहुल गांधी का विवादित बयान, कहा- न्यायपालिका, चुनाव आयोग और पेगासस लोगों की आवाज मिटाने के साधन

Rahul gandhi controversial statement : लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए राहुल गांधी ने न्यायपालिका से लेकर चुनाव आयोग, हर संस्था पर हमला किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, चुनाव आयोग और पेगासस आम आदमी की आवाज दबाने के लिए सरकार के टूल हैं। न्यायपालिका और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने को लेकर राहुल लोगों के निशाने पर आ गए।  

Vikash Shukla | Published : Feb 2, 2022 2:09 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 08:05 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) बुधवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोले। उन्होंने मोदी सरकार (Modi government) पर हमला करते हुए कहा कि राष्‍ट्रपति का अभिभाषण सच से दूर है। आज दो हिंदुस्‍तान बन गए हैं। गरीबों का हिंदुस्‍तान और अमीरों का हिंदुस्‍तान। अभिभाषण में बेरोजगारी और युवाओं का कोई जिक्र नहीं था। राहुल ने मोदी सरकार पर आम आदमी की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका और चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा। राहुल ने कहा कि न्यायपालिका, चुनाव आयोग और पेगासस लोगों की आवाज को नष्ट करने के लिए मोदी सरकार का साधन हैं।

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रिजिजू ने कहा- माफी मांगें राहुल गांधी
राहुल के इस बयान पर कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि न केवल भारत के कानून मंत्री के रूप में, बल्कि एक सामान्य नागरिक के रूप में मैं राहुल गांधी के इस बयान की निंदा करता हूं। उन्होंने भारत की न्यायपालिका और चुनाव आयोग के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसकी मैं निंदा करता हूं। ये हमारे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी को तुरंत लोगों, न्यायपालिका और चुनाव आयोग से माफी मांगनी चाहिए।

 

लोगों ने कहा-  फिर दो हिंदुस्तान बनाने के बारे में मत सोचो
राहुल गांधी के इस बयान पर ट्विटर पर भी लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर संजय सिंह ने लिखा - दो हिंदुस्तान तो तुम्हारे अब्बा ने 1947 में बनाए थे। फिर 1971 में बनाया। अब फिर तुम मुस्लिम के लिए नया हिंदुस्तान बनाने के सपने मत देखो। भारत के जिन्ना मत बनो। याद रखना अब हिन्दू जाग रहा है। एक अन्य यूजर ने लिखा - महोदय, वह जमानत पर हैं और इस न्यायपालिका के कारण आजादी का आनंद ले रहे हैं। उनके इस बयान की कड़ी निंदा करने की बजाय उनकी फाइलें खोलकर उन्हें न्यायपालिका की ताकत दिखाएं। एक अन्य यूजर ने लिखा- सुप्रीम कोर्ट में कल एक पिटीशन फाइल करें। या ट्विटर पर ही माफीनामा जारी करें। 

देश की अर्थव्यवस्था में AA वैरिएंट फैल रहा
इससे पहले अभिभाषण पर राहुल ने कहा कि एक व्यक्ति का (नाम नहीं लूंगा) देश के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट, पावर ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस वितरण, एडिबल ऑयल... जो भी हिंदुस्तान में होता है, वहां अडानी जी दिखाई देते हैं। दूसरी साइड अंबानी जी - पेट्रोकेमिकल्स, टेलीकॉम, रीटेल, ईकॉमर्स में मोनोपॉली है। पूरा धन चुनिंदा लोगों के हाथ में जा रहा है। आपने असंगठित क्षेत्र को खत्म कर दिया। सारे छोटे-बड़े कारोबार बंद कर दिए। आप उनकी मदद करते तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तैयार हो सकता था। आज देश में मेड इन इंडिया हो ही नहीं सकता। पिछले पांच साल में मैन्यूफैक्चरिंग जॉब 46 फीसदी कम हुए हैं। मुझे बड़ी इंडस्ट्री से समस्या नहीं है, लेकिन सोचिए कि वे आपके लिए नौकरियां नहीं पैदा कर सकते हैं। स्मॉल मीडियम इंडस्ट्री ही नौकरियां पैदा कर सकते हैं। राहुल ने कहा कि हमने 27 करोड़ लोगों को करीबी से निकाला। वहीं, मोदी सरकार ने वापस 23 करोड़ को गरीबी में डाल दिया।

देश के 84% लोगों की आमदनी घटी, वे गरीब हो रहे 
राहुल ने कहा कि छोटे और मध्यम उद्योगों में पैदा होते हैं। लाखों करोड़ रुपया आपने उनसे छीनकर देश के सबसे बड़े अरबपतियों को दिलवा दिया। आपने पिछले सात साल में अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर और स्मॉल व मीडियम इंडस्ट्री पर एक के बाद एक आक्रमण किया है। असंगठित क्षेत्र पर आपने नोटबंदी, गलत जीएसटी और कोरोना के समय जो सपोर्ट देना था आपने नहीं दिया। आज 84 फीसदी देश के लोगों की आमदनी घटी है और वे तेजी से गरीबी की तरफ बढ़ रहे हैं। यूपीए की सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। 10 साल में आपने 23 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया।

एक साल में 3 करोड़ युवाओं ने रोजगार गंवाया 
राहुल ने कहा कि पूरे हिंदुस्तान का युवा रोजगार ढूंढ रहा है। हर स्टेट में यूपी, बिहार.... हर राज्य में युवा यही मांग रहा है कि रोजगार मुझे दो। आपकी सरकार नहीं दे पा रही है। पिछले साल 3 करोड़ युवाओं ने रोजगार खोया है। आप रोजगार देने की बात करते हैं और 2021 में 3 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई। 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज हिंदुस्तान में है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द नहीं था। 

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