
Modi Government 11 years: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 11 साल पूरे कर लिए हैं। उनका तीसरा कार्यकाल चल रहा है। मोदी सरकार ने अब तक कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। आइए जानते हैं इस सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में कौन से 11 बड़े काम किए।
भारत की सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिफेंस बजट में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। 2014-15 में भारत का रक्षा बजट 2.29 लाख करोड़ रुपए था। यह 2025–26 में 6.81 लाख करोड़ पहुंच गया।
मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया और स्वदेशीकरण पर फोकस किया है। स्वदेशी मिसाइलों, ड्रोन और निगरानी प्रणालियों से भारत की सैन्य शक्ति बढ़ी है। भारत हथियारों से निर्यात में बड़ा खिलाड़ी बन रहा है।
पिछले दिनों पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष में भारत ने दिखा दिया कि उसके पास कितने सक्षम एयर डिफेंस सिस्टम हैं। मोदी सरकार ने पिछले 11 सालों में एस-400 ट्रायम्फ, बराक-8 और आकाश मिसाइलों के साथ-साथ उन्नत एंटी-ड्रोन और काउंटर-यूएवी टेक्नोलॉजी से सेनाओं को लैस किया है।
2016 उरी सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक और 2025 ऑपरेशन सिंदूर जैसे सफल अभियानों ने भारत की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं को प्रदर्शित किया।
मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप और MSME को समर्थन दिया है। iDEX और ADITI जैसी योजनाएं भारतीय स्टार्टअप और MSME से हजारों करोड़ रुपए की खरीद के साथ डिफेंस इनोवेशन का समर्थन करती हैं।
मोदी सरकार ने रिटायर सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ दिया। इसके लिए रक्षा पेंशन आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की।
भारत सरकार सेनाओं के आधुनिकीकरण पर फोकस कर रही है। सैन्य अभियानों में एआई, क्वांटम तकनीक, ऑटोनॉमस सिस्टम्स और स्मार्ट हथियारों का इस्तेमाल हुआ है।
सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच तालमेल को बढ़ावा दिया गया है। रक्षा प्रबंधन संरचनाओं में सुधार किया गया है।
रक्षा क्षेत्र में 49% FDI की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र की भागीदारी और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को प्रोत्साहित किया गया है।
मोदी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा बढ़ाने पर काम किया है। आतंकवाद और उग्रवाद के प्रति मजबूत प्रतिक्रिया दी है। इसमें नक्सलवाद को खत्म करने पर ध्यान दिया है। आतंकी हमले होने पर सीमा पार कार्रवाई की है।
मोदी सरकार ने स्ट्रेटेजिक डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित पर फोकस रखा है। सीमा सुरक्षा और सैन्य रसद के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है। पनडुब्बियों, लड़ाकू विमानों और मिसाइलों के स्वदेशी उत्पादन का विस्तार किया है।