सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए क्या-क्या किया? SC में हलफनामा दायर कर बताई पूरी बात

प्रवासी मजदूरों के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया। इसमें सरकार ने कहा कि मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं। इसके अलावा कई राज्य सरकारों ने बसों की सुविधा दी। सड़क पर पैदल चल रहे मजदूरों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मदद से उनके घर तक पहुंचाया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 6, 2020 1:58 PM IST / Updated: Jun 06 2020, 07:29 PM IST

नई दिल्ली. प्रवासी मजदूरों के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया। इसमें सरकार ने कहा कि मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं। इसके अलावा कई राज्य सरकारों ने बसों की सुविधा दी। सड़क पर पैदल चल रहे मजदूरों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मदद से उनके घर तक पहुंचाया गया। 

मजदूरों को मुफ्त में खाना-पानी चप्पल दिए गए
सरकार ने हलफनामे में कहा कि मजदूरों को मुफ्त में खाना-पानी, दवाइयां, कपड़े और चप्पल दिए गए। एक जून तक रेलवे ने संबंधित राज्य सरकारों की ओर से दी जा रही सुविधाओं को छोड़कर 1.63 करोड़ भोजन के पैकेट और 2.10 करोड़ से ज्यादा पानी की बोतलें बांटी हैं।

9 जून को आएगा फैसला
प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जून को भी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा था कि 15 दिन के अंदर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाए। इतना ही नहीं, मजदूरों को उनके राज्य में रोजगार भी मुहैया कराया जाए। अब मंगलवार 9 जून को इस मामले में फैसला आना है। 

"4,200 से अधिक विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई गईं"
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और एम आर शाह की पीठ ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर सुनवाई की थी। इस बीच केन्द्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिये 3 जून तक 4200 से अधिक 'विशेष श्रमिक ट्रेन' चलाईं।

यूपी में 21.69 लाख प्रवासी मजदूर आए
उत्तर प्रदेश की तरफ से वकील पी नरसिम्हा ने कहा, राज्य ने मजदूरों से किराया नहीं लिया जा रहा है। 21.69 लाख लोगों को वापस लाया जा चुका है। दिल्ली से बसों ने 10 हजार से ज्यादा बार सफर किया और वहां से 5.50 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लाया गया है।

बिहार में 28 लाख प्रवासी मजदूर लौटे
बिहार सरकार की तरफ से वकील रंजीन कुमार ने कहा, 28 लाख लोग बिहार लौटे हैं। सभी प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार जरूरी कदम उठा रही है।

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