कोरोना महामारी के वक्त में मोदी सरकार द्वारा अब तक लाई गईं योजनाएं संकट मोचक की भूमिका निभा रही हैं। लेकिन जब ये योजनाएं जब मोदी सरकार लेकर आई तो कांग्रेस समेत विपक्ष की तमाम पार्टियों ने इनका विरोध किया था। जनधन योजना को पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जुमला बताया था।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना संक्रमण के 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इन सबके बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत में स्थिति काबू में नजर आ रही है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। भारत में भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। हालांकि, भारत सरकार ने जनता की समस्याओं को कम करने के लिए 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है। आम जनता तक तमाम योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। महामारी के वक्त में मोदी सरकार द्वारा अब तक लाई गईं योजनाएं संकट मोचक की भूमिका निभा रही हैं। लेकिन जब ये योजनाएं जब मोदी सरकार लेकर आई तो कांग्रेस समेत विपक्ष की तमाम पार्टियों ने इनका विरोध किया था। जनधन योजना को पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जुमला बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन खातों का इस्तेमाल नोटबंदी में काले धन को सफेद करने में किया गया। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मेक इन इंडिया का भी मजाक बनाते रहे हैं। जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस या अन्य पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में लागू भी नहीं किया गया। राज्यों का तर्क है, उनके पास पहले से इससे बेहतर योजनाएं हैं। आइए जानते हैं कि मोदी सरकार की कौन सी योजना कोरोना के खिलाफ जंग में कारगार साबित हो रही है...
1- जन धन योजना
भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। तभी से उद्योग, धंधे सब बंद हैं। अब इसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में मोदी सरकार द्वारा, 2014 में शुरू की गई जन धन योजना सबसे अहम भूमिका निभा रही है। जन धन योजना के तहत मजदूरों, किसानों और गरीब महिलाओं के खाते फ्री में खुलाए गए थे। अब लॉकडाउन के वक्त इन्हीं खातों में पैसे डालकर लोगों की मदद की जा रही है। राहत पैकेज में भारत सरकार ने महिलाओं के खातों में तीन महीनों तक 500-500 रुपए डालने का ऐलान किया था। इसके तहत 20.4 करोड़ महिलाओं को मदद दी जानी थी। अब तक 19.96 करोड़ महिलाओं के खाते में पैसे डाले जा चुके हैं। यानी ग्रामीण इलाकों में जन धन योजना एक लाइफलाइन की तरह उभरी है।
2- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत)
2018 में मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गरीब लोगों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया जाता है। कोरोना के संकट के वक्त भी आयुष्मान योजना काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सरकार ने आयुष्मान भारत के तहत कोरोनावायरस का टेस्ट और इलाज फ्री में कराने का ऐलान किया है। सरकार का मानना है कि इससे करीब 50 करोड़ नागरिकों को फायदा होगा। आयुष्मान योजना से जुड़े लाभार्थी अब प्राइवेट अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच और इलाज करा पाएंगे।
3- उज्जवला योजना
सरकार ने आर्थिक पैकेज में तीन महीनों तक 8 करोड़ गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर देने का ऐलान किया है। मोदी सरकार ने 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। अब लॉकडाउन और कोरोना के संकट के वक्त भी इस योजना से गरीबों को लाभ मिल रहा है। अब तक इस योजना के तहत 97.8 परिवारों को फ्री में गैस सिलेंडर मिला है।
4- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
मोदी सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शरुआत की थी। यह योजना कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभा रही है। मोदी सरकार ने आर्थिक पैकेज में 8.7 करोड़ किसानों को 2000-2000 रुपए देने का ऐलान किया है। अब तक इस योजना के तहत 8.31 करोड़ किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए भेजे जा चुके हैं।
5- डिजिटल इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल इंडिया पर जोर दिया था। लॉकडाउन के वक्त जब ज्यादातर ऑफलाइन सेवाएं बंद हैं, तब डिजिटल इंडिया से लोगों की राह काफी आसान हुई है। सब्जी, दूध से घर मकान की ईएमआई तक लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मुश्किल वक्त में डिजिटल इंडिया से बैंकों का भी काम आसान हुआ है। वहीं, इसके चलते लोगों का एक दूसरे के संपर्क में आने का खतरा भी कम हुआ है।
6- मेक इन इंडिया
भारत सरकार ने 2014 में मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी। कोरोना के खिलाफ जंग में मेक इन इंडिया भी काफी अहम रोल निभा रहा है। आज भारत में पीपीई किट, वेंटिलेटर से लेकर एन 95 मास्क तक मेक इन इंडिया के तहत बनाए जा रहे हैं।