Rahul Gandhi Surname Case: राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, गुजरात सरकार और पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी

Published : Jul 21, 2023, 08:06 AM ISTUpdated : Jul 21, 2023, 01:41 PM IST
 Rahul Gandhi attacked BJP over unemployment problem  at bengaluru opposition meet  bsm

सार

मोदी सरनेम मानहानि मामले (Modi surname defamation case) में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा दी है। 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा मोदी सरनेम मानहानि मामले (Modi surname case) में लगाई गई याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार और पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया है। इन्हें दस दिन में जवाब देना होगा। मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। 

जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में सुनवाई की। सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी की पैरवी की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मौजूदा मानसून सत्र सहित संसद के 122 दिन खो दिए हैं। चुनाव आयोग किसी भी वक्त वायनाड सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। दरअसल, राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से सांसद चुने गए थे। सिंघवी ने कोर्ट से गुहार लगाई कि कृपया राहुल गांधी की सजा के आदेश पर अंतरिम रोक लगाएं या सुनवाई के लिए यथासंभव कम से कम समय की तारीख दें।

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दी है दो साल जेल की सजा

गुजरात के सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा दी है। इसके खिलाफ राहुल गांधी ने पहले सूरत अपर कोर्ट फिर गुजरात हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन राहत नहीं मिली। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 18 जुलाई को गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई थी। राहुल गांधी की ओर से पेश हुए सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी।

राहुल गांधी ने अर्जी में कहा- फैसले पर रोक नहीं लगी तो घोंट दिया जाएगा अभिव्यक्ति की आजादी का गला

राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा है कि अगर फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह "स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र बयान का गला घोंट देगा"। उन्होंने तर्क दिया कि यदि हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतंत्र का गला घोंटने में योगदान देगा। यह भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी दिल्ली में नौकरशाही पर नियंत्रण वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई

2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर दिया था बयान

बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था, "सभी चोरों के सरनेम मोदी कैसे है?" इसके चलते भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत की थी। गुजरात के सूरत की एक कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसला आने के बाद 24 मार्च को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी।

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