शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में देरी से पहुंचने वाले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (chief Secretary) अल्पन बंदोपाध्याय का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया है। उनका यह बर्ताव सर्विस रूल्स के खिलाफ माना जा रहा है। अभी उनकी कहीं पोस्टिंग नहीं की गई है। पीएम चक्रवाती तूफान 'यास' से हुए नुकसान का आकलन करने ओडिशा के बाद पश्चिम बंगाल पहुंचे थे। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी देरी से आई थीं। उनकी भी निंदा हो रही है।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. चक्रवाती तूफान 'यास' से हुए नुकसान का आकलन करने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में करीब आधा घंटा देरी से पहुंचे मुख्य सचिव (chief Secretary) अल्पन बंदोपाध्याय का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया है। उनका यह बर्ताव सर्विस रूल्स के खिलाफ माना जा रहा है। अभी उनकी कहीं पोस्टिंग नहीं की गई है। बंदोपाध्याय को बंगाल से ट्रांसफर करते हुए 31 मई की सुबह 10 बजे तक केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
सर्विस रूल्स कहती है
सर्विस रूल्स कहती है कि प्रधानमंत्री अगर किसी राज्य की कोई भी समीक्षा बैठक बुलाते हैं, तो मुख्य सचिव या उसी रैंक का अधिकारी बैठक में मौजूद होना चाहिए। अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता है, तो यह सर्विस रूल्स का उल्लंघन माना जाएगा। इसे ही आधार बनाकर शुक्रवार देर शाम केंद्र सरकार की एप्वाइंटमेंट ममेटी आन कैबिनेट ने इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस(कैडर) नियम 1954 की अधिनियम 6(1) का प्रयोग करते हुए 1987 बैच के अल्पन बंदोपाध्याय का बंगाल से ट्रांसफर कर दिया था।
ममता बनर्जी भी देरी से पहुंची थीं
शुक्रवार को मोदी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। तूफान यास की समीक्षा करने के लिए पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक बैठक बुलाई थी। लेकिन सारे प्रोटोकॉ को भूलकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी देर तक पीएम का इंतजार कराती रहीं। करीब आधा घंटा तक पीएम ने इंतजार किया तब मीटिंग में ‘दीदी’ पहुंची। चीफ सेक्रेट्री उनके ही साथ थे।
देर से पहुंची कागज थमाया चलती बनीं
सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देरी से तो पहुंची हीं, साथ ही प्रोटोकॉ तक भूल गईं। सीएम ममता बनर्जी मीटिंग में पहुंची। प्रधानमंत्री मोदी को तूफान के प्रभाव संबंधित एक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी कुछ और समीक्षा बैठकें पहले से तय है इसमें वह जा रहीं हैं। इतना कहने के बाद वह मीटिंग छोड़कर चली गईं।
राज्यपाल ने कहा लोगों के हित में बुलाई गई थी बैठक
इस मामले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह बैठक राज्य और यहां के लोगों के हित के लिए बुलाई गई थी। राजनीतिक मतभेद भूलकर पीएम के साथ बैठक में समय से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आना चाहिए था। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। सीएम और अधिकारियों का यह गैर भागीदारी संवैधानिकता और शासन के अनुरूप नहीं है।
ममता बनर्जी ने कहा पीएम को अवगत करा दिया था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह दीघा रवाना होने के पहले ही पीएम मोदी को अवगत करा दी थी। हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद वह कलाईकुंडा में पीएम मोदी से मिली और राज्य में चक्रवात के बारे में अवगत करा दिया था।
तृणमूल सांसद का विवादास्पद बयान
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ममता बनर्जी के बचाव में विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 30 मिनट की देरी से इतना हंगामा क्यों मचा है? भारत के लोगों ने तो 7 सालों तक 15 लाख रुपए का इंतजार किया है। एटीएम के बाहर(नोटबंदी) भी लंबी लाइनों में खड़े रहे। वैक्सीन के लिए भी इंतजार किया। थोड़ा आप भी इंतजार कर लीजिए कभी-कभी।
शुभेंदु अधिकारी को बुलाने से नाराज थी ममता
दरअसल, पीएम की समीक्षा बैठक में शुभेंदु अधिकारी को भी आमंत्रित किया गया था। बताया जा रहा है कि इस वजह से ममता बनर्जी नाराज थीं।
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