सार

चक्रवाती तूफान यास से बंगाल और ओडिशा में हुए नुकसान का आकलन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों राज्यों के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने चक्रवात प्रभावित कुछ इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मोदी दोनों राज्यों में समीक्षा बैठक की। सबसे पहले पीएम ने ओडिशा में बैठक की। बंगाल में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करीब आधा घंटे की देरी से पहुंचीं। बैठक में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री चक्रवाती तूफान ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों का आकलन करने के लिए इन दोनों राज्यों में आयोजित की जाने वाली समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री ने साथ ही इन दोनों राज्यों में चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। सबसे पहले पीएम ने ओडिशा में बैठक की। बंगाल में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करीब आधा घंटे की देरी से पहुंचीं। बैठक में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। यह बैठक पश्चिमी मिदनापुर जिले के कलाईकुंडा में हुई। ममता बनर्जी ने यास से 15000 करोड़ के नुकसान का दावा किया है। 15 लाख लोगाें को राहत शिविरों में ठहराया गया है।


 

ओडिशा में पहली बैठक

प्रधानमंत्री ने 11 बजे भुवनेश्वर में समीक्षा बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री की अगवानी बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने की। बैठक में मोदी ने यास से हुए नुकसान की समीक्षा की। मोदी ने ओडिशा सरकार से बार-बार आने वाले चक्रवाती तूफान की समस्या से निपटने आपदा के अनुकूल इंतजामों और लंबे समय तक काम करने वाले उपायों की दिशा में काम करने पर जोर दिया। बैठक के बाद ओडिशा के विशेष आयुक्त पीके जेना ने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार ने अभी केंद्र से आर्थिक पैकेज नहीं मांगा है। केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा से ओडिशा के साथ खड़ी है। इस समस्या के स्थायी समाधान पर जोर दिया जा रहा है।

नवीन पटनायक ने पेश की मिसाल
मीटिंग के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा-देश कोरोना महामारी के पीक पर है, इसलिए हमने केंद्र सरकार पर बोझ डालने के लिए कोई तत्काल वित्तीय सहायता नहीं मांगी है और हम अपने संसाधनों से इसका प्रबंध करना चाहते हैं।

CycloneYaas pic.twitter.com/svXzDpblCm

 

प्रधानमंत्री की मीटिंग में 30 मिनट लेट पहुंची ममता
ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के साथ चक्रवात की समीक्षा बैठक में 30 मिनट की देरी से पहुंचीं। यही नहीं, राज्य के मुख्य सचिव भी देरी से मीटिंग में आए। ममता ने आपदा से जुड़े कुछ दस्तावेज सौंपे और फिर चली गईं। सूत्रों के मुताबिक, ममता ने कहा कि उन्हें किसी मीटिंग में जाना है। ममता के इस रवैये पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और अधिकारियों का यह बर्ताव संवैधानिक या नियम-कानून के अनुरूप नहीं है। मोदी दोपहर में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के प्रभावित हिस्सों में हवाई सर्वेक्षण के बाद कलाईकुंडा में समीक्षा बैठक करने पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल में आयोजित बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए। 

 

CycloneYass pic.twitter.com/wDQmdCVZQQ

 

CycloneYaas pic.twitter.com/EXUgTa7J0L