बांग्लादेश हिंसा पर बोले भागवत, हिन्दुओं की रक्षा के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत

Published : Aug 15, 2024, 11:11 AM ISTUpdated : Aug 15, 2024, 11:32 AM IST
Mohan Bhagwat

सार

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत को इस संकट में फंसे अपने लोगों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।

नेशनल न्यूज। स्वतंत्रता दिवस पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित कार्यालय में झंडा रोहण करने के साथ देश को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इस दौरान अपने भाषण में उन्होंने बांग्लादेश में फैली हिंसा के दौरान हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचार की निंदा की। कहा कि हिन्दुओं के घर में घुसकर मारपीट और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। इशारों-इशारों में भारत से इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए भी कहा। भागवत ने कहा कि संकट में फंसे अपने लोगों को बचाने के लिए देश को कुछ बड़े कदम उठने चाहिए। 

भारत ने संकट में सबकी मदद की
भागवत ने तिरंगा फहराने के बाद कहा कि भारत का पहला दायित्व अपने नागरिकों के हितों की रक्षा है। इससके साथ ही भारत ने संकट के समय हर किसी की मदद की है। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर फैली हिंसा ने मानो सामुदायिक रूप ले लिया हो। हिन्दुओं के घर पर हमले किेए जा रहे हैं, महिलाओं का अपहरण हो रहा है। भारत की परंपरा रही है कि वह अपने लोगों के लिए हमेशा ही खड़ा हुआ है। भागवत ने केंद्र को मानो बांग्लादेश में हिन्दू की रक्षा करने के लिए हिंट दिया है। 

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आरक्षण की आग में जल रहा बांग्लादेश
सरकार ने ऐलान किया था कि बांग्लादेश में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में शामिल होने वाले स्वतंत्रता सेनानी के रिश्तेदार और परिवारीजन को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी का रिजर्वेशन मिलेगा। कोटे के ऐलान के साथ युवा सड़कों पर उतर आए थे और बवाल शुरु हो गया था। हांलाकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कोटे के प्रतिशत में कमी कर दी थी। सिर्फ 5 फीसदी कोटे पर ही मुहर लगाई थी लेकिन फिर भी प्रदर्शन नहीं रुका और हालात बेकाबू होते चले गए। प्रदर्शन अराजकता में बदल गया। 

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