सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें: MUDA केस में ED की एंट्री, जानें 10 पॉइंट्स में
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने MUDA भूमि आवंटन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। यह मामला मैसूर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई 14 भूमि के आवंटन से जुड़ा है।
Dheerendra Gopal | Published : Sep 30, 2024 1:22 PM IST / Updated: Sep 30 2024, 07:26 PM IST
MUDA land allotment case: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मुडा लैंड अलाटमेंट केस में ईडी की एंट्री हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एफआईआर दर्ज किया है। ईडी की एंट्री के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। जानिए मैसूर विकास प्राधिकरण जमीन आवंटन की पूरी कहानी 10 प्वाइंट्स में…
लोकायुक्त के एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया है।
लोकायुक्त के एफआईआर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी पार्वती, पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू आदि के भी नाम है। मल्लिकार्जुन स्वामी ने भी देवराजू से जमीन खरीदकर अपनी बहन पार्वती को गिफ्ट की थी। लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को केस दर्ज किया था।
दरअसल, बीते दिनों कर्नाटक के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) जमीन आवंटन मामले में केस चलाने की अनुमति दी थी।
राज्यपाल के आदेश के बाद राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ गया था। उधर, सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) में जमीन आवंटन की जांच का रास्ता साफ हो गया।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक कमर्शियल क्षेत्र में MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) ने 14 बेशकीमती जमीनों का आवंटन किया।
यह जमीन पार्वती की जमीनों को प्राधिकरण ने अधिग्रहित की गई उनकी जमीन के बदले में दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जो जमीनें प्राधिकरण ने पार्वती को आवंटित की थी वह उनकी अधिग्रहित जमीनों से कहीं अधिक कीमती थे।
शिकायतकर्ता के अनुसार, सिद्धारमैया ने पद का दुरुपयोग कर इन जमीनों का आवंटन कराया था। जब जमीनों का आवंटन किया गया तो सिद्धारमैया, राज्य के मुख्यमंत्री थे।
सिद्धारमैया का जमीन आवंटन मामले में नाम आने के बाद बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफा की मांग कर रही है।
उधर, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से लेकर राज्य कांग्रेस व सरकार ने सिद्धारमैया के साथ एकजुटता दिखाते हुए उनको फंसाने की साजिश का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए सिद्धारमैया के इस्तीफा न देने की बात कही है। हालांकि, ईडी की एंट्री होने के बाद एक बार फिर सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।