Monsoon Session: 1948 से 1971 तक की जंग का जिक्र कर अमित शाह ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल

Published : Jul 29, 2025, 02:34 PM ISTUpdated : Jul 29, 2025, 02:40 PM IST
Amit Shah speech

सार

Operation Sindoor: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू द्वारा किए गए युद्ध विराम के चलते आज POK है।

Parliament Monsoon Session 2025: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन लोकसभा में चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने भाषण दिया। बताया कि भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान के पास शरण में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। उन्होंने 1948 से 1971 तक लड़ी गई चार लड़ाइयों का जिक्र करते हुए कांग्रेस से तीखे सवाल पूछे।

जवाहर लाल नेहरू के एकतरफा युद्ध विराम के चलते है POK

विपक्ष की ओर इशारा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "ये लोग कल सवाल उठा रहे थे कि इतनी अच्छी पोजिशन में थे आपने युद्ध क्यों नहीं किया? युद्ध के कई परिणाम होते हैं। करना, नहीं करना, यह सोचकर तय करना पड़ता है। मैं इसी देश की इतिहास की कुछ घटनाएं बताता हूं। 1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक बढ़त पर थीं। सरदार पटेल ना बोलते रहे, जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्ध विराम कर दिया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अगर है तो जवाहर नेहरू के इस युद्ध विराम का कारण है। इसके जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू हैं।"

 

 

सिंधु जल समझौता कर भारत का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया

अमित शाह ने कहा, "1960 में सरदार पटेल ने विरोध किया था। गाड़ी लेकर आकाशवाणी तक गए थे कि घोषणा न कर दे, दरवाजे बंद कर दिए थे। 1960 में सिंधु जल पर भौगोलिक और रणनीतिक रूप में हम बहुत मजबूत थे। उन्होंने सिंधु जल समझौता क्या किया 80% भारत का पानी पाकिस्तान को दे दिया।"

1971 की जंग जीती, पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, POK मांगना भूल गए

गृह मंत्री ने कहा, "1962 की लड़ाई की बात मैं बाद में करता हूं। 1965 की लड़ाई में हाजीपीर जैसे स्ट्रेटेजिक जगह पर हमने कब्जा किया था। 1966 में उसे लौटा दिया गया। मैं 1971 के युद्ध की बात करना चाहता हूं। 1971 में पूरे देश ने इंदिरा जी का समर्थन किया था। उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। बहुत बड़ी विजय थी भारत की। सदियों तक भारत इस विजय पर गर्व करेगा। मगर युद्ध के विजय की चकाचौंध में क्या हुआ। 93 हजार युद्धबंदी (उस वक्त की पाकिस्तान की सेना का 42%) हमारे पास थे। पाकिस्तान का 15000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हमारे पास था। शिमला में समझौता हुआ, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मांगना ही भूल गए। अगर उस वक्त POK मांग लेते, न रहता बांस, न बजती बांसुरी। हमको ये कैंप तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। POK तो नहीं लिया। 15000 वर्ग किलोमीटर जीती हुई भूमि भी वापस दे दी। तय हुआ था कि पाकिस्तानी नरसंहार के लिए युद्ध अपराध न्यायाधिकरण बनेगा। नहीं बना। "

 

 

यह भी पढ़ें- Operation Sindoor: 'पाकिस्तान के पास हमारी शरण में आने के सिवा नहीं था कोई चारा'

अक्साई चीन की 30 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दी

अमित शाह ने कहा, "1962 के युद्ध में क्या हुआ? 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चीन का हिस्सा चीन को दे दिया गया। उस वक्त ऐसी ही चर्चा सदन में हुई थी। जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता है। उस जगह का क्या करेंगे। तो एक संसद सदस्य ने कहा कि आपके सिर पर भी एक बाल नहीं है उसे चीन को बेंच दें क्या?"

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