मानसून में बारिश और जगह जगह जलभराव में पैदा होने वाले मच्छरों से चिकनगुनिया का खतरा फिर बढ़ गया है। एक संक्रमित मच्छर के सिर्फ एक बार काटने से चिकनगुनिया हो जाता है।
नई दिल्ली. मानसून में बारिश और जगह जगह जलभराव में पैदा होने वाले मच्छरों से चिकनगुनिया का खतरा फिर बढ़ गया है। एक संक्रमित मच्छर के सिर्फ एक बार काटने से चिकनगुनिया हो जाता है। इतना ही नहीं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
चिकनगुनिया का अर्थ है 'विपरीत हो जाना'। यह जोड़ों के दर्द के कारण स्तब्ध हो जाने की स्थिति को बताता है। चिकनगुनिया बुखार के लक्षण सामान्य बुखार से अलग होते हैं। रोगी को संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के तीन से सात दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं।
चिकनगुनिया के लक्षण
- जोड़ों का दर्द
- जी मिचलाना
- चकत्ते पड़ना
- सिर दर्द
- थकान
रोकथाम के उपाय
- चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर दिन के समय सक्रिय रहते हैं। सुरक्षा के लिए कुछ घंटों तक लिक्विड वेपोराइजर, मच्छर भगाने वाले पदार्थ या फास्ट कार्ड का इस्तेमाल करें। फुल स्लीव के कपड़े और लंबी पैंट पहनें। जिससे स्किन ज्यादा ना दिखे।
- पानी भरने के सभी बर्तनों को ढककर रखें। उसके आस पास की जगह साफ रखें।
- एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर की ट्रे साफ रखें।
चिकनगुनिया से हो सकती हैं ये समस्याएं
चिकनगुनिया के कुछ मामलों में न्यूरोलॉजिकल, रेटिना और कार्डियोलॉजिकल समस्याएं भी हो जाती हैं। इनमें गंभीर बीमारी वाले लोग, जन्म के समय संक्रमित बच्चे, बुजुर्ग और शुगर, हार्ट की बीमारी वाले लोग शामिल हैं।
अभी तक नहीं है कोई वैक्सीन
चिकनगुनिया ब्लड टेस्ट से ही पता चलता है। इसकी अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इतना ही नहीं चिकनगुनिया का कोई प्रॉपर इलाज भी नहीं है। ज्यादातर लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन लंबे वक्त तक जोड़ों का दर्द बना रह सकता है। मरीजों को लिक्विड पदार्थ पीने चाहिए और बहुत आराम करना चाहिए।