दिल्लीः सांसद मनोज तिवारी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, की यह तारीख बदलने की मांग

भाजपा सांसद व दिल्ली के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर 14 नवांबर को मनाए जाने वाले बाल दिवस की तारिख बदलने की मांग की है। उन्होंने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों के शहादत दिवस के मौके पर बाल दिवस मनाए जाने की मांग की है। 

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सियासी भूचाल मचा दिया है। तिवारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बाल दिवस की तारिख बदलने की मांग कर दी है। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर देश में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है, लेकिन अब इस बाल दिवस की तारीख को बदलने की मांग उठने लगी है। दिल्ली में चुनावी मौसम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बाल दिवस की तारीख बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। 

1956 से मनाया जा रहा बाल दिवस 

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सांसद और दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अपने पत्र में लिखा कि 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी जगह साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत के दिन को दिन बाल दिवस के तौर पर मनाया जाए। उन्होने पत्र में लिखा कि 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को देश में बाल दिवस मनाने की परंपरा 1956 से चली आ रही है। इसके पीछे यह अवधारणा है कि पंडित नेहरू को बच्चे बेहद प्रिय थे।

धर्म की रक्षा के लिए दी थी शहादत 

सांसद मनोज तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि हमारे देश में बच्चों ने अनेक बलिदान दिए हैं, और उनमें से सर्वोत्कृष्ट बलिदान सिखों के दशम गुरु साहिब श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के छोटे साहबजादों, साहिबजादा जोराबर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की है जिन्होंने सरहिंद पंजाब में 1705 में पौष माह में कड़कड़ाती सर्दी में फतेहगढ़ साहिब के ठंडे बुर्ज पर प्रतिपूर्ण साहस दिखाते हुए धर्म की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी।

शहादत के दिन मनाया जाए बालदिवस 

उन्होने पीएम को लिखे पत्र में अनुरोध किया कि इन बहादुर बच्चों के बलिदान और साहस को ध्यान में रखते हुए उनके शहादत के दिन प्रतिवर्ष बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की जाए। मनोज तिवारी की ओर से यह पत्र ऐसे समय में लिखा गया है जब अगले कुछ दिनों में दिल्ली में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होना है और बीजेपी सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी हुई है। 

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